सातवें चरण की पांच सीट पर राजग ने उतारे वर्तमान सांसद, तीन सांसद बेटिकट

Sun, May 26 , 2024, 12:40 PM

Source : Uni India

पटना, 26 मई (वार्ता)। बिहार (bihar) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के सातवें एवं अंतिम चरण (Seventh and final step) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने आठ में से पांच सीट पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा, आरा और जहानाबाद में अपने वर्तमान सांसदों को सियासी रणभूमि में उतारा है जबकि तीन सीट बक्सर, काराकाट और सासाराम (सु) के सांसद को बेटिकट कर दिया है।
बिहार लोकसभा चुनाव में सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान 01 जून को पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा, आरा, जहानाबाद, बक्सर, काराकाट और सासाराम (सु) में होना है। इनमें से तीन सीट बक्सर, काराकाट और सासाराम (सु) के सांसद को राजग ने बेटिकट कर दिया है जबकि अन्य पांच सीट पर राजग के वर्तमान सांसद चुनावी मैदान में डटे हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में राजग ने सभी आठ सीट पर विजयी पताका लहराया था। पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम (सु) में भाजपा ने कब्जा जमाया था जबकि राजग के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने नालंदा, काराकाट और जहानाबाद में बाजी अपने नाम की।
बिहार में होने वाला सातवें चरण का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इनमें पटना साहिब, पाटलिपुत्र, बक्सर, आरा और सासाराम लोकसभा सीट शामिल हैं। इन सीटों पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा के सामने जहां आरा,पाटलिपुत्र, बक्सर, सासाराम (सु) में जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है तो वहीं पटना साहिब में चुनावी चौका लगाने की चुनौती है। भाजपा को सासाराम (सु) और बक्सर लोकसभा सीट पर जीत बरकरार रखने की जद्दोजहद से गुजरना पड़ रहा है। बक्सर और सासाराम से उम्मीदवार बदल कर भाजपा ने अपने लिए एक नई चुनौती ली है। सातवें चरण की इन्हीं सीटों पर जोर लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में सभा की है।
सातवें चरण का चुनाव भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के लिये भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। भाकपा माले को इस चुनाव में इंडिया गठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत नालंदा, आरा और काराकाट मिली है और सभी सीटों पर इसी चरण में चुनाव होना है।
बिहार की हाईप्रोफाइल सीट में शामिल पटना साहिब संसदीय सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद दूसरी बार जीत का परचम लहराने के लिये ललायित हैं वहीं इंडिया गठबंधन के घटक कांग्रेस ने यहां अंशुल अभिजीत को प्रत्याशी बनाया है, जो पहली बार लोकसभा के रण में उतरे हैं। श्री अंशुल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। श्री अभिजीत को राजनीति विरासत में मिली है। वह पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाती और पूर्व सांसद एवं लोकसभा की प्रथम महिला अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र हैं। श्री अभिजीत की दादी सुमित्रा देवी छह बार विधायक रही हैं। वर्ष 1963 में वह बिहार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री भी बनीं।
पाटलिपुत्र संसदीय सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी श्री राम कृपाल यादव यहां चुनावी हैट्रिक लगाने की फिराक में हैं,वहीं इंडिया गठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राज्यसभा सांसद मीसा भारती को उम्मीदवार बनाया है। राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की पुत्री मीसा भारती तीसरी बार यहां अपनी किस्मत आजमां रही हैं। इससे पूर्व वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में मीसा भारती को भाजपा के राम कृपाल यादव ने पराजित किया था। तीसरी बार भी पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर भाजपा के रामकृपाल यादव और राजद की मीसा भारती की चुनावी जंग होगी।
नालंदा संसदीय सीट से जदयू प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार यहां चुनावी चौका लगाने की फिराक में है। वहीं इंडिया गठबंधन के घटक वामदल की ओर से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ चुनावी समर में उतरे है।संदीप सौरभ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिर्टी (जेएनयू( छात्र संघ के महासचिव रह चुके हैं। वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। 
आरा संसदीय सीट से केन्द्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी राजकुमार सिंह (आर.के.सिंह) चुनावी हैट्रिक लगाने की कोशिश में लगे हैं, वहीं इंडिया गठबंधन के घटक भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने यहां सुदामा प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। सुदामा प्रसाद अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वह भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा से भाकपा माले के विधायक हैं। वह 2015 में पहली बार तरारी सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे और फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में दोबारा निर्वाचित हुए।
जहानाबाद सीट पर जदयू प्रत्याशी चंद्रेश्वर प्रसाद दूसरी बार यहां अपना सिक्का चलाने को बेकरार हैं, वहीं राजद ने यहां अपने दिग्गज नेता पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव को चुनावी रणभूमि में उतारा है। उन्होंने बेलागंज विधानसभा सीट पर 1990, 1995, 2000, 2005, 2010, 2015 और 2020 लगातार सात बार चुनाव जीता है। वर्ष 2019 में भी जदयू और राजद के प्रत्याशी आमने-सामने थे। इन सबके बीच पूर्व सांसद अरूण कुमार भी चुनावी अखाड़े में उतर आये है। अरूण कुमार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतरे हैं। राजद के पूर्व विधायक मुन्नी लाल यादव निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी जंग में कूद गये हैं और यहां मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाने के लिये कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।
भाजपा ने बक्सर से केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बेटिकट कर उनकी जगह बैकुंठपुर से पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। श्री तिवारी पहली बार लोकसभा के रण में उतरे हैं। वहीं राजद के टिकट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र और रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह चुनावी समर में उतरे हैं, वहीं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी आनंद मिश्रा, पूर्व विधायक ददन यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अनिल कुमार के चुनावी जंग में उतरने से बक्सर की चुनावी जंग बहुकोणीय हो गयी है।
भाजपा ने सासाराम (सु) सीट से अपने निवर्तमान सांसद छेदी पासवान को बेटिकट कर उनकी जगह पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुनि लाल के पुत्र और अगियांव के पूर्व विधायक शिवेश राम पर दाव लगाया है, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने सासाराम (सु) सीट पर मनोज कुमार पर दाव लगाया है। इससे पूर्व मनोज कुमार ने वर्ष 2019 में सासाराम (सु) सीट से ही बसपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें शिकस्त मिली थी।
काराकाट सीट से जदयू ने अपने वर्तमान सांसद महाबली सिंह को बेटिकट कर दिया है। राजग में सीटों में तालमेल के तहत काराकाट सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुश्वाहा को मिली है। श्री कुश्वाहा इससे पूर्व वर्ष 2014 में काराकाट के सांसद बने थे। वर्ष 2019 में उन्हें जदयू के महाबली सिह ने पराजित कर दिया था। भाकपा माले ने यहां राजाराम सिंह को प्रत्याशी बनाया है।राजाराम सिंह अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वह 1995 और 2000 में औरंगाबाद जिले के ओबरा से दो बार विधायक भी रह चुके हैं। इन सबके बीच भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार कहे जाने वाले पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार उतरकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। पवन सिंह को भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव लड़ने के लिये टिकट दिया था, हालांकि पवन सिंह ने वहां चुनाव लड़ने से मना कर दिया। पवन सिंह राजग के अधिकृत प्रत्याशी के उपेन्द्र कुश्वाहा विरुद्ध काराकाट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी को लेकर पवन सिंह को भाजपा ने निष्काषित कर दिया है।

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