फिल्म समीक्षा: गौरैया लाइव
बैनर: रेयर फिल्म्स, टी ऐंड पोएट्री फिल्म्स
कलाकार: अदा सिंह, ओंकार दास, सीमा सैनी, नरेंद्र खत्री, शगुफ्ता अली, विनय झा
अवधि: 111 मिनट.
सेंसर: यू/ए
निर्माता: राहुल रंगारे, निशांत जैन, रोहित राज सिंह चौहान, राजीव जैन
सह निर्माता: सीमा सैनी, गेब्रियल वत्स, ऋषभ कुरैच्या, रणधीर सिंह ठाकुर, गौरव बग्गा
निर्देशक: गेब्रियल वत्स
रिलीज की तारीख : : 12 अप्रैल 2024
रेटिंग ; ⭐⭐⭐ 1/2 स्टार्स
सरकारी तंत्र की गैर जिम्मेदारी भारत मे खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं जो बड़ी ग़ैरजिम्मेदारी का परिणाम होता है। इसी समस्या पर युवा निर्देशक गेब्रियल वत्स (Gabriel Vats) की फिल्म "गौरैया लाइव(Gauraiya Live)" शानदार अभिनय, मधुर संगीत और ड्रामा के साथ दर्शकों हो हल्के फूल्के मनोरंजक अन्दाज़ में बहुत बड़ा संदेश देने में कामयाब रहती हैं ।
कहानी भोपाल में बेस्ड है जहां एक निर्माण स्थल पर एक मजदूर रामपाल अपनी बेटी गौरैया के लिए बेहतर जीवन का सपना देखते हुए काम कर रहा है। एक मनहूस दिन गौरैया एक बोरवेल में गिर जाती है। उधर गौरैया की बड़ी बहन, सपना की ज़िंदगी भी उथल-पुथल के कगार पर खड़ी है। दहेज की माँग के बोझ तले अमित के साथ उसकी शादी टूट गई, जिससे उसका दिल भी टूट गया और वह निराश हो गई है। 36 घंटों तक गौरैया दम घुटने वाले अंधेरे में उम्मीद का चिराग लिए सांसें लेती रही। और जब गौरैया बोरवेल से बाहर आई, तो सारा जग खुशी से झूम उठा।
कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूरों, उनके परिवार, बच्चों की जिंदगी कितनी मुश्किल और खतरों भरी होती है फ़िल्म इस ओर प्रकाश डालती है। बोरवेल में गिरने वाले बच्चे के बचाव कार्य के सिलसिले में क्या क्या होता है। उन क्षणों में बच्चे की क्या मनोदशा होती है वह भी दर्शाया गया है। उसके अलावा कुछ स्टोरीज सब-प्लॉट में भी चलती रहती हैं।
आज आप हर जगह देखें तो लोग ऊंची बिल्डिंग, टॉवर बना रहे हैं, मगर उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर बनाने वाले मजदूरों और उनके परिवार वालो के बारे में लोग कुछ नही सोचते। फ़िल्म यह बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है कि इस तरह से बोरवेल खुले छोड़ना क्या दुर्घटना को निमंत्रण देना नहीं है? बिल्डर, ठेकेदार इस बात का ध्यान नहीं रखते कि इसमे कोई बच्चा गिर कर अपनी जान गंवा सकता है। यह फ़िल्म इस गम्भीर मुद्दे को बहुत ही प्रभावी ढंग से दर्शाती है।
अदा सिंह, ओंकार दास, सीमा सैनी और नरेंद्र खत्री ने अपने अपने किरदारों के साथ इंसाफ किया है। निर्देशक गेब्रियल वत्स ने फ़िल्म को बांधकर रखा है और उनके डायरेक्शन में एक नयी बात नजर आती है। हालांकि फ़िल्म एक सर्वाइवल ड्रामा है लेकिन इसमें कुछ बहुत बढ़िया सिचुएशनल सॉन्ग भी हैं। फ़िल्म का संगीत सुंजॉय बोस और सीमा सैनी ने दिया है, जिसके भावपूर्ण गीत सीमा सैनी द्वारा लिखे गए हैं। शान ने एक गीत गाया है और फ़िल्म में उन्होंने वाइस ओवर भी दिया है। फ़िल्म गौरैया लाइव आंख खोलने वाला सिनेमा है। इसे देखा जाना चाहिए।
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Sat, Apr 13, 2024, 04:09