मुरैना। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly elections) के लिए होने वाले मतदान में अब मात्र तीन दिन शेष होने के बीच जिले की दिमनी विधानसभा सीट (Dimani Assembly seat) ने पूरे देश की निगाहें इस जिले पर टिका दीं हैं। चुनाव प्रचार के अपने चरम पर होने के बीच इस संसदीय क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सहित भाजपा के अनेक नेताओं का दौरा हो चुका है। हालांकि कांग्रेस का अभी तक कोई राष्ट्रीय नेता यहां नहीं आया है। संसदीय क्षेत्र (parliamentary constituency) की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के बीच आमने सामने की टक्कर है, लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्रों में बसपा ने त्रिकोणीय संघर्ष (triangular conflict) की स्थिति उत्पन्न कर दी है। दिमनी विधानसभा क्षेत्र वो क्षेत्र हैं, जहां से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपने दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) को चुनावी मैदान में उतार कर इसे राज्य की सबसे हॉट सीट में से एक बना दिया।
यहां श्री तोमर के सामने कांग्रेस के वर्तमान विधायक रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा तथा बसपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक बलवीर सिंह डण्डौतिया ने इस मुकाबले को और रोचक बना दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह तोमर ने भी हर दल की इस सीट को जीतने की कोशिशों को और संघर्षपूर्ण बना रखा है। ऐसे में अब तोमर वोटों के विभाजित हो जाने के कारण भाजपा प्रत्याशी श्री तोमर को चुनाव में पूरी ताकत लगानी पड़ रही है।
सुमावली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने 2020 से कांग्रेस से बगावत कर पार्टी की सदस्यता लेने वाले ऐंदल सिंह कंसाना को टिकट दिया है। वह भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस ने पहले कुलदीप सिंह सिकरवार को टिकट दिया था, लेकिन विरोध के चलते दबाव में आकर मौजूदा विधायक अजब सिंह कुशवाह को ही प्रत्याशी घोषित किया गया। इसी बीच कुलदीप सिकरवार ने अपना टिकट काटे जाने के कारण 'हाथ' छोड़ कर 'हाथी' की सवारी करने में देर नहीं की और अब वे बसपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। मुरैना विधानसभा सीट पर दो बार मंत्री रहे रूस्तम सिंह ने अपने बेटे को भाजपा से टिकट नहीं दिए जाने के कारण पार्टी से बगावत कर बसपा का दामन थाम लिया और अपने बेटे राकेश सिंह को बसपा से टिकट दिलाने में कामयाब हो गए। कांग्रेस ने दिनेश गुर्जर पर दांव लगाया है, जिनकी 2013 के चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी। वहीं भाजपा ने कांग्रेस से बगावत करने वाले रघुराज सिंह कंसाना को टिकट दिया है। यहां रूस्तम सिंह के साथ ही रघुराज सिंह व दिनेश गुर्जर का राजनैतिक अस्तित्व दांव पर लगा हुआ है। मुरैना सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनती नजर आ रही है।
जौरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस व भाजपा ने पुराने उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा है। हालांकि यहां भाजपा प्रत्याशी विधायक सूबेदार सिंह रजौधा के कार्यकाल को लेकर मतदाता नाराजगी दिखा रहे हैं। बसपा ने भी पूर्व विधायक सोनेराम कुशवाह को उम्मीदवार बनाया है, जिससे नाराज होकर पूर्व बसपा विधायक मनीराम धाकड़ सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां लड़ाई कांग्रेस, भाजपा के बीच चल रही है लेकिन सपा व बसपा भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में पीछे नहीं है। भाजपा विधायक सूबेदार सिंह रजौधा को इस बार काफी मशक्कत के बाद कोई दूसरा उम्मीदवार मजबूत नहीं होने से अंतिम क्षणों में टिकट दिया गया था। इस चुनाव में उनका राजनैतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है।
सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने वर्तमान विधायक बैजनाथ कुशवाह को उम्मीदवार बनाया है वहीं भाजपा ने भी 2018 में प्रत्याशी रही पूर्व विधायक मेहरबान सिंह रावत की पुत्रवधु सरला रावत को पुन: उम्मीदवार घोषित किया है। उनकी उम्मीदवारी को लेकर उनके परिवार में ही विरोध हो गया जिसे शांत करने के लिए भाजपा नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा। यहां बसपा ने सोनी धाकड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है।



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Tue, Nov 14 , 2023, 10:06 AM