मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर दोनों दल इसी नाराजगी के साथ विधानसभा चुनाव में उतरे तो दोनों को ही नुकसान होना तय है. बता दें कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party,) ने कांग्रेस की ओर से सीट न छोड़े जाने से नाराज होकर 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर ली है. ऐसे में यूपी से लगने वाले बुंदेलखंड की 26 सीटों (seats of Bundelkhand) पर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस का सीमकरण बिगाड़ सकती है. यही नहीं कांग्रेस और सपा के लड़ाई लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन (Indian alliance) को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस से जारी नाराजगी के बीच सपा ने 41 उम्मीदवार उतार दिए हैं. वहीं कांग्रेस भी लगातार उम्मीदवारों की घोषणा करती जा रही है. रविवार को भी कांग्रेस ने 9 और प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. कांग्रेस नेताओं के ओर से कहा जा रहा है कि इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए है. इसका विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. उधर मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सपा को सीट न देने पर कहा है कि सवाल कितनी सीट का नहीं बल्कि कौन सी सीट का है.
उन्होंने कहा कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जीतना है तो मुझे सभी कार्यकर्ताओं को और अपने संगठनों को साथ लेकर चलना होगा. उन्होंने कहा कि सपा ने जो सीटें मांगी थी, उस पर कार्यकर्ताओं से बात हुई थी लेकिन वो उन सीटों पर नहीं माने. कमलनाथ की इन बातों से साफ हो गया कि वो अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के दवाब में सीट को लेकर फैसला नहीं कर सके.
मध्य प्रदेश में सपा का इतना जोर क्यों?
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर अखिलेश यादव के ज्यादा जोर देने की दो बड़ी वजहें हैं. पहला ये कि अखिलेश इंडिया गठबंधन के सामने एक मजबूत स्टैंड लेना चाहते हैं, जिससे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा के ऊपर कोई भी दल दबाव बनाने की स्थिति में न रहे. वहीं अखिलेश जानते हैं कि बुंदेलखंड की 26 सीटों में मौजूद 12 से 14 प्रतिशत यादव मतदाता चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. बता दें कि यूपी से लगने वाली मध्य प्रदेश की सीटों पर हमेशा से सपा का असर रहा है. यही कारण है कि अखिलेश इन सीटों पर नजर गड़ाए बैठे हैं.
अखिलेश की नाराजगी दूर करने में जुटे नेता
कांग्रेस जानती है कि अखिलेश की नाराजगी मध्य प्रदेश में उसे बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. यही कारण है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुद सपा मुखिया को संदेश भेजवाया है कि जल्द ही वो अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे. यही नहीं केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दखल देने के बाद अब पार्टी मध्य प्रदेश में सपा से जारी विवाद को और तूल देने के पक्ष में नहीं है.



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Tue, Oct 24 , 2023, 02:18 AM