टोंक. अगर कांग्रेस 3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly elections) जीतती है तो टोंक अपने वर्तमान विधायक और उम्मीदवार सचिन पायलट (Sachin Pilot) के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद कर रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सचिन पायलट का समय आ गया है. इस दौरान वे यह बताना भी नहीं भूलते कि 2018 में, टोंक से सचिन पायलट की जीत का अंतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की सीट जोधपुर के सरदारपुरा से ज्यादा था. क्या सचिन पायलट अपने और मुख्यमंत्री की कुर्सी के बीच की दूरी को पाट सकते हैं जो उनसे दूर हो गई है? राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति का सबसे अच्छा वर्णन करने वाली विडंबना यह है कि टोंक से विधायक के रूप में सचिन पायलट का शोपीस प्रोजेक्ट बनास नदी पर शहर को ‘गहलोत’ गांव से जोड़ने के लिए 3.5 किमी लंबा पुल बनाया जा रहा है. मानसून में, नदी उफान पर आ जाती है और अस्थायी पुल को बहा ले जाती है. इस तरह उफनती नदी गहलोत गांव के अलावा 50 अन्य गांवों को शहर से काट देती है. ग्रामीणों को 20 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. यहां स्थानीय लोगों को धूल भरी सड़क पर ऊंटों पर यात्रा करते हुए देखा जा सकता है. पुल पिछले कुछ वर्षों से बन रहा है.
पायलट ने कहा- इस बार रिकॉर्ड जीत पर नजर
सचिन पायलट ने न्यूज 18 को बताया कि उन्होंने 55,000 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है और इस बार उनका लक्ष्य रिकॉर्ड तोड़ने का है. टिकट की घोषणा के एक दिन बाद रविवार को सचिन पायलट टोंक में थे. वह गांवों के 139 बूथों और टोंक शहर के 105 बूथों के अपने सभी बूथ कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे. माइक्रो मैनेजमेंट के एक उत्कृष्ट उदाहरण में, सचिन पायलट ने बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने और जीत का अंतर बढ़ाने के लिए वार्डों या पंचायतों द्वारा विभाजित अलग-अलग जत्थों में मुलाकात की. सचिन पायलट का कहना है कि वह जल्द ही राज्य भर में चुनाव प्रचार में व्यस्त हो जाएंगे और इसलिए फिलहाल उनका ध्यान टोंक सीट पर है.
समर्थकों का मानना है कि अब समय आ गया है
टोंक के पार्षद शब्बीर अहमद का कहना है कि इस बार सचिन पायलट ही मुख्यमंत्री बनेंगे. वह कहते हैं, ‘समय आ गया है, वह (पायलट) इस बार मुख्यमंत्री बनेंगे. अहमद कहते हैं, ‘सचिन पायलट इसके हकदार हैं.’ टोंक से पायलट समर्थक गोरधन हिरोनी ने कहा, ‘पूर्वी राजस्थान के लोग तब निराश हुए जब 2018 में पायलट मुख्यमंत्री नहीं बने, जबकि क्षेत्र ने इस उम्मीद में कांग्रेस को भारी वोट दिया कि उनको कुर्सी मिलेगी. पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए और अगर ऐसा होता है, तो हम राजस्थान में लोकसभा चुनाव में 20 से अधिक सीटें जीत सकते हैं.’ हिरोनी कहते हैं, ‘गहलोत ने मुख्यमंत्री के रूप में अच्छा काम किया है और एक वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उन्हें अब दिल्ली जाना चाहिए और राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करना चाहिए.’



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Tue, Oct 24 , 2023, 12:22 PM