लखनऊ. जब भी प्रदेश बीजेपी का कोई बड़ा ओहदेदार दिल्ली के दौरे पर होता है तो सूबे में ये चर्चा चल पड़ती है कि योगी मंत्रिमंडल (Yogi cabinet) का विस्तार अब जल्दी ही होगा. पिछले दो-तीन महीने से ही सभी इसकी राह देख रहे हैं. एक बार फिर से प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) दिल्ली दौरे पर हैं और मंत्रिमंडल विस्तार (cabinet expansion) की चर्चा जोरों पर है. मामला जब थोड़ा शांत होता है तो ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar)जल्द ही विस्तार का बयान दे देते हैं. हालांकि राजनीतिक परिस्थितियां भी इसी ओर इशारा कर भी रही हैं. जानिए क्यों?
लोकसभा का चुनाव सिर पर है, इसलिए ये कयास और भी तेज हो गये हैं कि मंत्रिमंडल में विस्तार होगा. ऐसा पहले भी हो चुका है. साल 2021 में 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था. इसमें जितिन प्रसाद को मंत्री बनाया गया था. सितम्बर 2021 में हुए इस विस्तार में एक कैबिनेट मंत्री सहित 6 राज्य मंत्रियों के रूप में सात नए चेहरों को शामिल किया गया था. तब कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आये जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री, जबकि पलटू राम, धर्मवीर प्रजापति, छत्रपाल गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी थी. इस बार चर्चा सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान के मंत्री बनाये जाने की तेज है.
1. योगी मंत्रिपरिषद में आखिर कौन-कौन मंत्री बनाये जा सकते हैं ?
योगी कैबिनेट में दो नेताओं को मंत्री बनाने की अटकलें तेज हैं. इसमें सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर और दारा सिंह का नाम सबसे आगे है. हालांकि जब विस्तार होगा तो जाहिर तौर पर कुछ नये चेहरे भी सामने आ सकेंगे.
2. मंत्रिपरिषद में और कितने मंत्री शामिल किये जा सकते हैं
नियम के मुताबिक किसी राज्य की मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या राज्य विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती है. यूपी में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं. इस तरह यूपी में कुल 60 मंत्री बनाये जा सकते हैं. अभी सीएम सहित ये संख्या 52 है. यानी मंत्रियों की 8 कुर्सी खाली चल रही है.
3. वर्तमान में कितने कैबिनेट मंत्री, कितने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्री हैं
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्रियों की कुल संख्या 18 है. इसमें सीएम योगी और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव मौर्या शामिल हैं. स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों की संख्या 14 है. इसी तरह राज्यमंत्रियों की कुल संख्या 20 है. इस तरह योगी मंत्रिपरिषद में मौजूदा समय में मंत्रियों की कुल संख्या 52 है. इसमें सीएम और दोनों डिप्टी सीएम भी शामिल हैं.
4. मौजूदा मंत्रिपरिषद में किस समुदाय से कितने मंत्री हैं?
मसलन कैबिनेट स्तर में कितने सवर्ण, कितने ओबीसी, कितने एस और कितने एसटी हैं. सीएम और दोनों डिप्टी सीएम को मिलाकर मौजूदा 52 मंत्रियों में 21 सवर्ण, 22 ओबीसी, 8 दलित और एक आदिवासी समाज से हैं. कुल 18 कैबिनेट मंत्रियों (सीएम और डिप्टी सीएम को मिलाकर) में 9 सवर्ण, 8 ओबीसी और 1 दलित समुदाय से हैं.
5. इसी तरह राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री में क्या स्थिति है
स्वतंत्र प्रभार के कुल 14 राज्यमंत्रियों में 7 सवर्ण, 5 ओबीसी और 2 दलित शामिल हैं. कुल 20 राज्यमंत्रियों में 5 सवर्ण, 9 ओबीसी, 5 दलित और 1 आदिवासी समाज से हैं.
देश के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा कि यदि मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो फिर से ओबीसी समाज का पलड़ा भारी रहेगा. बिहार में हुई जातीय जनगणना के बाद ओबीसी समाज की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को बल देना लाजमी भी दिखता है. हालांकि 2014 से ही बीजेपी लगातार ओबीसी समाज की गोलबन्दी में लगी है. इसकी झलक मौजूदा मंत्रिमंडल में भी देखी जा सकती है. 52 मंत्रियों में सबसे ज्यादा ओबीसी समाज से ही हैं, जिनकी कुल संख्या 22 है.



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