नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विपक्षी दलों के ओबीसी कार्ड (OBC cards) की काट निकाल ली है. जातीय जनगणना (caste census) को लेकर कांग्रेस जिस तरह का माहौल बना रही है, उसे काउंटर करने के लिए बीजेपी ने एक खास तरह की रणनीति बनाई है. बीजेपी ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना(PM Vishwakarma Yojana)’ के जरिए समाज के पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग को साधने के लिए सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में एक बैठक की. इस बैठक में शाह ने 2024 फतह करने के लिए 24 चुनिंदा नेताओं की एक टीम बनाई. टीम के प्रत्येक सदस्य को 1 से 2 राज्यों का प्रभार दिया गया है. इन नेताओं की पीएम विश्वकर्मा योजना से होने वाले लाभ और भविष्य के लाभार्थी वर्ग तक पहुंचने की होगी. सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह की यह करीब तीन घंटे तक चली. इस बैठक में मौजूद नेताओं को ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के लाभ को जन-जन तक पहुंचाने और लोगों को आगाह करने का लक्ष्य दिया. अमित शाह के साथ मंच पर बीजेपी के 5 राष्ट्रीय महामंत्री (सुनील बंसल, विनोद तावड़े, तरुण चुग, डॉ राधामोहन अग्रवाल और दुष्यंत गौतम) के अलावा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के लक्ष्मण मौजूद रहे. बैठक में यूपी से बीएल वर्मा, श्रीकांत शर्मा और संगमलाल गुप्ता जैसे नेता मौजूद रहे. वहीं इस विशेष टीम के हिस्सा बने विपल्व देव, लॉकेट चैटर्जी जैसे नेता बैठक में मौजूद रहे.
30 लाख लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य
सूत्रों ने बताया कि ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के तहत अगले 5 सालों में लगभग 30 लाख लाभार्थियों को फायदा दिया जाना है. यानि हर साल लगभग 6 लाख लाभार्थी इससे प्रत्यक्ष फायदा उठाने वाले हैं. सबसे पहले अल्पकालिक ट्रेनिग (हफ्ते से 15 दिन) के दरमियान 3500 से 7500 का स्ट्रीपेंट मिलेगा. उसके बाद कामगारों को पहली किश्त में 1 लाख से और दूसरी किश्त में 2 लाख यानि कुल 3 लाख तक का कोलेट्रल फ्री लोन महज 5% ब्याज पर दिया जाएगा. ऐसे में इस योजना से फायदा उठाने वाली कामगार जातियों के बीच जागरण और इससे होने वाले लाभ को लेकर जागरूकता फैलाने का काम तेजी से बीजेपी करेगी.
2 लाख हो चुके आवेदन
मिली जानकारी के मुताबिक, सितंबर में योजना के लॉन्च करने से लेकर अबतक करीब 2 लाख कामगार जातियों के लोगों ने आवेदन कर चुके हैं. अब पार्टी देश के पारंपरिक शिल्पकार जातियों (जो मुख्येतौर पर ओबीसी या ईबीसी वर्ग से संबंध रखते हैं) के बीच अगले 2/3 महीनों में ज्यादा से ज्यादा पहुंचे सके इसका पूरा प्रबंध करने में जुटी है. पार्टी के जानकारों का मानना है कि बीजेपी लोहार, सुनार, नाई, बुनकर, केवट/मल्लाह, धोबी, दर्जी जैसी 18 पारंपरिक कामगार जातियों तक पहुंचने की कोशिश करेगी जो एक तरह से विपक्षी दलों द्वारा जातीय जनगणना को लेकर बनाए जा रहे माहौल का सीधा काट साबित होगा.
देश में जातीय जनगणना कराने को लेकर कांग्रेस अमादा
कांग्रेस देश में जातीय जनगणना कराने को लेकर अमादा है. राहुल गांधी जहां भी जा रहे हैं, वो पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि ‘जितनी आबादी, उतना हक’ उनका प्रण है. दरअसल, बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद से राहुल गांधी पूरे देश में जातीय जनगणना की बात करने लगे. राहुल गांधी का कहना है कि जब बिहार में पिछड़ी जातियों का तादाद 84 फीसदी है तो देश में जातीय गनणना से इसका सही आंकड़ा पता चल जाएगा. बता दें कि बिहार में बाद कांग्रेस राजस्थान में भी जातिगत जनगणना कराने जा रही है. इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है. वहीं, बीजेपी देश में जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है. बीजेपी कहती है कांग्रेस देश को जातियों में बांटना चाहती है.



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Tue, Oct 10 , 2023, 11:09 AM