नई दिल्ली: दिल्ली में AAP सांसद संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) के घर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) से जुड़े धन शोधन मामले के संबंध में बुधवार सुबह छापे मारे. अधिकारियों ने बताया कि मामले के संबंध में कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर भी छापे मारे गए. ईडी की रेड (ED raid) के दौरान संजय सिंह अपने आवास पर ही मौजूद थे. ईडी ने इस मामले में पहले उनके स्टाफ सदस्यों और उनसे जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की थी. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली आबकारी नीति केस (Delhi Excise Policy case) में दो आरोपी गवाह बन गए हैं. उनसे मिली सूचना के आधार पर ईडी ने संजय सिंह के घर यह सर्च ऑपरेशन चलाया.
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | ED raids underway at the residence of AAP Rajya Sabha MP Sanjay Singh, in connection with Delhi excise policy case. <a href="https://t.co/E7FmLlC66q">pic.twitter.com/E7FmLlC66q</a></p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1709422430127821013?ref_src=twsrc%5Etfw">October 4, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर संजय सिंह के पिता दिनेश सिंह ने कहा, ‘क्या कहें, ईडी अपना काम कर रही है. वह (संजय सिंह) ऐसे ही नहीं कह रहे थे (विच-हंट का आरोप). अगर मैं आप पर कुछ आरोप लगाता हूं और फिर उसे साबित नहीं कर पाता, तो इसे शक्ति का दुरुपयोग कहा जाएगा.’ इसी शराब घोटाले के सिलसिले में संजय सिंह की पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया जेल में बंद हैं. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और उत्पाद शुल्क मंत्री को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.
ईडी ने आम आदमी पार्टी के नेता को 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया, जहां वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में बंद हैं. ईडी ने लगभग 270 पेज के अपने सप्लीमेंट्री चार्ज शीट में, मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाले में ‘प्रमुख साजिशकर्ता’ बताया था. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से इस मामले की जांच कराने की सिफारिश करने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत एक मामला दर्ज किया था.
दिल्ली शराब या 2021-22 आबाकरी नीति घोटाले में ईडी और सीबीआई ने अपनी जांच के बाद जो आरोप लगाए हैं, उसके मुताबिक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए बनाई गई उत्पाद शुल्क नीति में गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर रिश्वत दी थी. हालांकि, आम आदमी पार्टी इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन करती रही है. वहीं, भाजपा इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार हमलावर बनी हुई है.



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Wed, Oct 04 , 2023, 10:07 AM