चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 की जंग में किसान नेता भी मैदान में उतर सकते हैं। पंजाब के 32 किसान संगठनों के नेताओं की लुधियाना के समराला में गुप्त मीटिंग हुई, जिसमें किसान नेताओं ने चुनाव पर मंथन किया। कुछ किसान नेताओं का यह मत जरूर था कि उन्हें सीधे चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। हालांकि फिलहाल किसान नेताओं ने खुद चुनाव लड़ने के अलावा किसी एक पार्टी, किसी एक यूनियन या नेता का समर्थन या राजनीति से दूरी बनाए रखने का विकल्प भी खुला रखा है। इसको लेकर फिर से किसान नेताओं की मीटिंग हो सकती है। वहीं मीटिंग की जानकारी बाहर आते ही नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है।
किसान नेताओं का तर्क, राजनीतिक लालसा से बड़ा हमारा मसला
किसान नेताओं का मानना है कि उनके लिए चुनाव लड़ना राजनीतिक लालसा से ज्यादा बड़ा है। किसानों के मसले पर सभी राजनीतिक दल और नेता वादे करते हैं, लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते। 2017 के चुनाव में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन अभी तक सबको इसका लाभ नहीं मिला। केंद्र ही नहीं बल्कि राज्य से जुड़े बिजली, फसलों के रेट समेत कई मुद्दों पर भी उन्हें सुनवाई के लिए धरना देने को मजबूर होना पड़ता है। इसलिए वह पारंपरिक पार्टियों से किनारा करने के मूड़ में हैं।



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Fri, Dec 17 , 2021, 10:29 AM