नई दिल्ली. बिहार से पंजाब तक सियासी माहौल (political environment) इस तरह बदला है कि INDIA गठबंधन (INDIA alliance) पर सवालिया निशान लग गए हैं. विपक्षी गठबंधन का प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन? ये सवाल एक बार फिर पिटारे से बाहर निकल आया है. ताज्जुब है कि इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग आरजेडी (RJD) की तरफ से उठी है. दूसरी तरफ, पंजाब में कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira) की गिरफ्तारी ने भी INDIA गठबंधन में तल्खी बढ़ा दी है. यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने-सामने है. बिहार में RJD और JDU की तरफ से जिस तरह नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल घोषित करने की कवायद चल रही है, उससे भी गठबंधन के नेताओं के बीच तल्खी आना तय है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बीच स्पष्ट किया है कि पीएम कैंडिडेट के लिए फिलहाल किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए. नीतीश कुमार भी इस बीच सार्वजनिक रूप से पीएम मैटेरियल के तौर पर खुदको स्थापित करने में जुटे हैं.
सीएम नीतीश बीते दिनों सिर पर फूल और चादर की टोकरी के साथ मुजिबिया दरगाह पहुंचे थे. दरगाह पर उन्होंने चादरपोशी की. इस दौरान दरगाह में आरजेडी के कुछ नेताओं ने नीतीश कुमार के अगला प्रधानमंत्री बनने की दुआ मांगी. इस दुआ में खुद सीएम नीतीश भी शामिल थे. राजद नेता आफताब आलम ने कहा कि नीतीश कुमार में पीएम बनने के सभी गुण हैं और इस बार प्रधानमंत्री बिहार का होना चाहिए.
कभी राहुल, कभी नीतीश?
क्या ऐसा बयान लालू यादव के इशारे पर दिया गया? या फिर लालू यादव ने राजनीति की कोई टेढ़ी चाल चल दी है? सवाल इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि कुछ दिनों पहले तक लालू यादव ही थे, जो राहुल गांधी को विपक्षी गठबंधन का दूल्हा बता रहे थे. फिर अचानक इस पलटी के क्या मायने हैं? ये सोचकर INDIA गठबंधन में खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानने वाले भी चकरा गए हैं.
कांग्रेस की टेंशन बढ़ी
फुलवारी शरीफ में चादरपोशी और आरजेडी नेताओं के बयानों ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी. आरजेडी ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताकर कांग्रेस को भी टेंशन में डाल दिया है, क्योंकि कांग्रेस के नेता लगातार राहुल गांधी को पीएम मैटेरियल बता रहे हैं. प्रधानमंत्री की कुर्सी INDIA गठबंधन की मजबूती के रास्ते का बड़ा रोड़ा बन गई है. ये पहली बार नहीं है, जब प्रधानमंत्री पद को लेकर अलग-अलग सुर सुनाई दिए हैं.
कांग्रेस और अन्य दलों के बीच टकराव
प्रधानमंत्री कैंडिडेट ही विपक्ष के लिए मुश्किल सवाल नहीं है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के एक फैसले ने INDIA गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है. कांग्रेस के नेता पंजाब में तो आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं ही, दिल्ली में भी कांग्रेस सातों लोकसभा सीट पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है. हालात ये हैं कि आप नेता कांग्रेस को लगातार निशाने पर लिए हुए हैं लेकिन सीएम केजरीवाल गठबंधन में किसी भी विवाद से इनकार करते हैं.
INDIA गठबंधन को सबसे ज्यादा मुश्किल पांच राज्यों में है. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल, पंजाब और दिल्ली. केरल को छोड़कर बाकी चार राज्यों में कांग्रेस इस वक्त कमजोर स्थिति में है. पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी है. यूपी में पहले समाजवादी पार्टी से लड़ाई थी, अब गठबंधन करना है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा में TMC से लड़ाई थी, अब गठबंधन करना है. पंजाब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच लड़ाई है. दिल्ली में भी यही हाल है. केरल में दिक्कत ये है कि कांग्रेस की सीधी लड़ाई लेफ्ट से है.
विपक्षी दल गठबंधन को लेकर कितना यूनाइट हैं?
आज की तारीख में INDIA गठबंधन की स्थिति नौ दिन चले, ढ़ाई कोस जैसी दिख रही है. पटना, बेंगलुरू और मुंबई की मैराथन बैठकों के बाद सिर्फ गठबंधन का नाम इंडिया और कोऑर्डिनेशन कमेटी सहित एक-दो कमेटियों का ही गठन हो सका है. गठबंधन की मुंबई बैठक में तय हुआ था कि समन्वय समिति, प्रचार समिति समेत तमाम समितियां बैठकें करके रणनीति बनाएंगी और जमीन पर गठबंधन मोदी सरकार से लड़ते हुए नजर आएगा लेकिन 13 सितंबर को शरद पवार के घर समन्वय समिति की बैठक के बाद से सब ठंडा पड़ा है.
कब बनेगा इंडिया गठबंधन का ऑफिस?
13 सितंबर को समन्वय समिति की पहली बैठक में जोरशोर से ऐलान किया गया था कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में भोपाल में गठबंधन की बड़ी साझा रैली होगी, लेकिन विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर पेच फंसने के बाद इस साझा रैली को लेकर कोई जानकारी नहीं है. 18 जुलाई को बेंगलुरु की बैठक में इंडिया गठबंधन के लिए एक सचिवालय बनाने की बात हुई, इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस को दी गई. अब तक ये ठंडे बस्ते में है. कहा जा रहा है कि फिलहाल समन्वय का काम कांग्रेस अध्यक्ष के घर से किया जा रहा है.
INDIA गठबंधन की राह आसान नहीं
INDIA गठबंधन में कई मोर्चों पर संग्राम है. सबसे ज्यादा खटपट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच है. कांग्रेस और TMC, कांग्रेस और DMK और कांग्रेस-लेफ्



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Sat, Sep 30 , 2023, 01:59 AM