यूपी की घोसी में हुए उपचुनाव (Ghosi bypoll) में सजावादी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई है. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने बीजेपी के दारा सिंह (Dara Singh) को 42 हजार से अधिक वोटों से मात देते हुए बंपर जीत हासिल कर ली है. घोसी में जीत के बाद सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इसे बीजेपी की राजनीतिक ही नहीं बल्कि नैतिक हार भी बताया है. उन्होंने कहा है कि घोसी की जनता ने बीजेपी को पचास हजारी पछाड़ दी है.
घोसी में मिली हार बीजेपी की अकेले की हार नहीं है. इसे ओम प्रकाश राजभर की भी हार मान सकते हैं, जो कि घोसी में चुनाव से ठीक पहले सपा से पल्ला झाड़कर एनडीए का हिस्सा बने थे. उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह के लिए प्रचार भी किया था और खूब बड़ी-बड़ी बातें भी की थी. अब घोसी चुनाव के नतीजे के बाद पीले गमछा वालों की जो छवि टूटी वो तो टूटी है साथ में इस लिटमस टेस्ट में ओम प्रकाश राजभर भी फेल साबित हुए हैं.
दारा सिंह चौहान 2022 में जब सपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे तो उस समय उन्होंने अपने समुदाय के वोट (करीब 46 वोटर) को समाजवादी पार्टी के खाते में ट्रांसफर कराने में सफल रहे थे. इसी उम्मीद को देखते हुए बीजेपी ने उनको पार्टी में शामिल किया, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के लिए ये रणनीति पूरी तरह से फेल साबित हो गई है.
ओम प्रकाश राजभर के लिए बड़ा झटका
दूसरी ओर घोसी में दारा सिंह की हार सुभासपा के मुखिया और पीले गमछा वाले ओम प्रकाश राजभर के लिए बड़ा सेटबैक है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजभर इस बार अपने समुदाय के करीब 52 हजार वोटरों को बीजेपी की तरफ मोड़ने में असफल साबित हुए हैं. घोसी में समाजवादी पार्टी के प्रबंधन की अगुवाई करने वाले शिवपाल यादव ने राजभर वोटरों के बीच ओमप्रकाश राजभर की ऐसी छवि बना दी की ये केवल वोट को इधर से उधर करने का काम करते हैं. यूपी के उपचुनाव में सत्ता में रहते हुए बीजेपी लगातर चुनाव जीत रही थी, लेकिन घोसी में भाजपा जिस पियरे चाचा पर विश्वास करते हुए मैदान में उतरी थी उस पर लाल चाचा भारी पड़ गए. घोसी में हार बीजेपी के लिए तो झटका है ही साथ में एनडीए में राजभर की क्रेडिबिलिटी कम हो गई है. राजभर जिस दावेदारी से बात करते थे, अब कहीं न कहीं उनको सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. आने वाले समय में राजभर के सामने दिक्कत भी खड़ी हो सकती है.
राजभर के बयानों को घोसी की जनता ने नकारा
ओमप्रकाश राजभर की ओर से किए गए सारे दावे फेल साबित हुए. राजभर की जिस तरीके से लगातार बयान बाजी आ रही थी और जिस तरीके से वह लगातार प्रहार कर रहे थे उसको देखते हुए जनता ने उनको पूरी तरीके से नाकर दिया. जनता ने बता दिया कि बड़े-बड़े वादे करने से और लोगों को अपशब्द बोलने से कुछ नहीं होगा. ओम प्रकाश राजभर जब से घोसी में चुनावों का अनाउंसमेंट हुआ था तभी से उन्होंने बयान बाजी शुरू कर दी थी, लेकिन अब यह साफ हो गया की घोसी को हारने से एक बड़ा फेरबदल होने की आशंका है क्योंकि घोसी चुनाव के नतीजे ही उत्तर प्रदेश में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार की नींव रखते और होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में किसको क्या जगह मिलेगी क्या पद मिलेगा इसकी जगह डिसाइड की जाती.
एनडीएम में कम होगा दारा सिंह का कद
अब नतीजे आने के बाद यह सारी चीज अब नए सिरे से शुरू की जाएगी ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) का जो कद है वह भी भाजपा में आने के बाद अब कम होता नजर आ रहा है. जिस वादे के साथ उन्होंने भाजपा का दामन थामा था खास तौर पर दारा सिंह चौहान को जब वह भाजपा में लेकर आए थे वो पूरा नहीं हुआ साथ ही जिस तरीके से नतीजे आए हैं उसे साफ हो गया है कि जनता ने ओमप्रकाश राजभर की बदज़ूवानी को पूरी तरीके से नकार दिया है और यही कारण रहा है कि यह बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा है.



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Fri, Sep 08 , 2023, 06:34 AM