भारत के संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को हटाने की मांग लगातार तेज होती जा रही है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ‘इंडिया’ की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की वकालत की है, जिसके बाद अब मोदी सरकार पर दबाव नजर आ रहा है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जी-20 के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ ‘इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया है. इतना ही नहीं बीजेपी नेता भी लगातार डिमांड कर रहे हैं कि संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को हटाकर ‘भारत’ किया जाए. इस तरह से तीन संकेत बता रहे हैं कि मोदी सरकार अब ‘इंडिया’ को भारत शब्द से नई पहचान देने की दिशा में कदम उठाने जा रही है. विपक्षी खेमा भी मोदी सरकार पर इस तरह से कोशिशें करने की संभावना जता रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि भागवत का दबाव है या फिर विपक्षी गठबंधन का डर?
संघ प्रमुख मोहन भागवत (Sangh chief Mohan Bhagwat) ने ‘इंडिया’ की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की पैरवी करते हुए हाल ही में कहा था कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत है, ‘इंडिया’ नहीं. हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है. भाषा कोई भी हो, लेकिन नाम एक ही रहता है. भागवत ने कहा कि भारत नाम प्राचीन समय से लगातार चला आ रहा है. ऐसे में लोगों को ‘इंडिया’ की बजाय देश के पुराने नाम से भारत का इस्तेमाल करना करना चाहिए.
‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह अब ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि राष्ट्रपति भवन की ओर से 9 सितंबर को जी-20 सम्मेलन के सम्मान में जो डिनर आयोजित किया जा रहा है, उसमें ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया है. अगर संविधान के आर्टिकल 1 को पढ़ें तो उसमें लिखा है कि भारत जो कि ‘इंडिया’ है एक राज्यों का समूह होगा. अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी मंगलवार को ट्वीट किया और लिखा कि ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’, ये खुशी और गर्व का विषय है. हमारा देश अमृतकाल की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है.
केवल भारत शब्द का उपयोग करने की मांग
बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने टीवी-9 भारतवर्ष से बातचीत करते हुए कहा था कि देश के संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाया जाना चाहिए, क्योंकि ‘इंडिया’ शब्द औपनिवेशिक गुलामी का प्रतीक है. ‘इंडिया’ प्राणविहीन शब्द है और भारत जीवंत और प्राणयुक्त शब्द है. हरनाथ यादव ने कहा कि वो जल्द इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले हैं. बीते दिनों संसद के मानसून सत्र में बीजेपी के राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने भी राज्यसभा में ‘इंडिया’ नाम को औपनिवेशिक गुलामी का प्रतीक बताते हुए ‘इंडिया दैट इज भारत’ हटाकर केवल भारत शब्द का उपयोग करने की मांग उठाई थी.
अंग्रेजों के जमाने के तमाम कानून बदले गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने खुद लालकिले से अमृत काल के जिन पंच प्रण की बात कही थी, उसमें से एक प्रण गुलामी की मानसिकता और उसके प्रतीकों से मुक्ति पाना भी है. इस तरह से अंग्रेजों के जमाने के तमाम कानून बदल दिए गए हैं. पीएम मोदी 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से भारत के वैभावशाली और विश्वगुरु बनने का जिक्र कर चुके हैं.
18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया संसद का विशेष सत्र
संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया है. ‘इंडिया’ के नाम को भारत रखने के प्रस्ताव से जुड़े बिल को लाने की मांग बीजेपी नेता ही कर रहे हैं. हालांकि संसद के विशेष सत्र में भारत में आयोजित जी-20 के सफल आयोजन, चंद्रयान-3 और आदित्य-एल की सफल उड़ान और आजादी के अमृत काल में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के रोडमैप पर चर्चा होने की संभावना है. लेकिन, साथ ही संसद का विशेष सत्र का आधिकारिक एजेंडा अभी जारी नहीं हुआ है. ऐसे में संभावना ये भी जताई जा रही है कि संसद के विशेष सत्र में ‘इंडिया’ की जगह सिर्फ भारत करने से संबंधित संविधान में संशोधन का प्रस्ताव लाया जा सकता है.
सियासत के केंद्र ‘इंडिया’ की बहस
दरअसल ‘इंडिया’ नाम की चर्चा देश में लगातार हो रही है. विपक्षी गठबंधन INDIA गठबंधन बनने के बाद से ही देश में भारत बनाम ‘इंडिया’ की बहस सियासत के केंद्र में आ गई है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ‘इंडिया’ और भारत को लेकर आमने-सामने है. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखकर एक नया नैरेटिव खड़ा करने की कोशिश की है तो संघ प्रमुख भागवत भले ही भारत नाम के साथ जुड़े देश के स्वाभिमान और वैभव की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन उनके इस बयान को सियासत से भी जोड़कर देखा जाएगा.
विपक्षी गठबंधन INIDA के प्रभाव को कम करने की स्ट्रेटेजी
संघ प्रमुख भागवत और बीजेपी के नेता जिस तरह से ‘इंडिया’ की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की बात कर रहे हैं, उसके पीछे कहीं न कहीं विपक्षी गठबंधन INIDA के प्रभाव को कम करने की स्ट्रेटेजी मानी जा रही है. शिवसेना (उद्वव गुट) के नेता अरविंद सावंत ने भी कहा है कि विपक्षी गठबंधन के नाम से बीजेपी घबरा गई है, जिसके चलते ही ‘इंडिया’ के नाम को बदलकर भारत करने की कोशिश की जा रही है. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा कि INDIA गठबंधन को बने हुए अभी चंद दिन ही हुए हैं, लेकिन इतने कमजोर लोग हैं कि कुछ हफ्ते में ही INDIA नाम से डर गए हैं. आरएलडी ने भी ट्वीट करके कहा कि यह डर है या फिर सनक.
दुष्यंत-शंकुतला के बेटे भरत के नाम पर देश का नाम पड़ा भारत
दरअसल वैदिक काल में भारत को आर्यावर्त के नाम से जाना जाता था. मान्यता है कि राजा दुष्यंत और शंकुतला के बेटे भरत के नाम पर देश का नाम पड़ा. इस दौर में भारत की पहचान विराट और वैभवशाली हुआ करती थी. वेद और पुराणों में भारत शब्द का कई जगहों पर उल्लेख है. भागवत भारत के नाम को इसलिए भी आगे बढ़ाना चाहते हैं कि यह नाम किसी गुलामी का प्रतीक नहीं है और यह देश का मौलिक नाम है. भागवत का मानना है कि भारत नाम के साथ लोगों का आत्मीय जुड़ाव और लगाव भी है. इसीलिए वह चाहते हैं कि लोग ‘इंडिया’ के बजाए भारत कहने में ज्यादा विश्वास करते हैं. ऐसे में बीजेपी नेता जिस तरह से ‘इंडिया’ शब्द को संविधान से हटाकर भारत करने की मांग कर रहे हैं, उससे साफ है कि मोदी सरकार अब इस दिशा में अपने कदम बढ़ा सकती है.



Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Tue, Sep 05 , 2023, 03:20 AM