वसूली बंद होने से कमाई खत्म होने का सता रहा डर
मुंबई। फेरीवालों को लाइसेंस देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय पर राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार अभी तक फैसला नहीं कर पा रही है. जिससे फेरीवालों को बिना लाइसेंस के ही अपना व्यवसाय करना पड़ रहा है। इसी की आड़ में फेरीवालों से अवैध वसूली की जा रही है जिससे फेरीवाले त्रस्त हो रहे है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2014 में फेरीवाला कानून बनाकर फेरी वालों को रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी फेरी वालों को रोजगार देने के लिए उन्हें लाइसेस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। मुंबई में फेरीवालों से हर माह लगभग 400 से 500 करोड़ की अवैध वसूली की जाती हैं। मुंबई में लगभग 3 लाख से अधिक अवैध फेरीवाले है जिनसे मनपा अधिकारी से लेकर पुलिस अधिकारी तथा स्थानीय नेता तक धंधा करने के लिए वसूली करते है। फेरी वालों को लाइसेंस देने के लिए मनपा की ओर से सर्वेक्षण भी किया गया था जिसमें लगभग 99 हजार फेरी वालों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। लाइसेंस देने के लिए कमेटी बनी थी जिसके आधार पर लगभग 30 हजार फेरी वालों को पात्र किया गया था। लेकिन मामला तब लटक गया जब फेरी वालों की कमेटी में नगरसेवकों को शामिल नहीं किया गया। मनपा सदन में फेरी वाला कमेटी में नगरसेवकों को शामिल करने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद राज्य सरकार के पास 2018 में प्रस्ताव भेजा गया। मनपा ने 2 नवंबर को नया स्मरण पत्र भी भेजा लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। मनपा अधिकारियों का कहना है कि स्मरण पत्र इसके पहले भी एक बार राज्य सरकार के पास भेजा गया था लेकिन सरकार कोई कदम ही नहीं उठा रही है।



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Fri, Dec 17 , 2021, 09:49 AM