मणिपुर। मणिपुर में पिछले महीने शुरू हुई हिंसा थमती हुई नजर (Manipur seems to be subsiding) आ रही है. पिछले 20 घंटे से कोई हिंसा की घटना (incident of violence) नहीं हुई है. आज इंफाल ईस्ट, विष्णुपुर समेत हिंसा प्रभावित कई जिलों में कर्फ्यू में 8 से 12 घंटे तक की ढील दी गई है. चुराचंदपुर में 10 कर्फ्यू में 10 घंटे की ढील दी गई है. तामेंगलोंग, नोनी, सेनापति, उखरूल, कामजोंग में कर्फ्यू पूरी तरह से हटा दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)की अपील के बाद मणिपुर के अलग-अलग जगहों से 140 हथियारों को सरेंडर किया गया. शाह ने मणिपुर दौरे के दौरान हथियारों को सरेंडर करने की अपील की थी.
दरअसल, मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में मणिपुर के सभी 10 जिलों में 3 मई को ‘ट्राइबल सॉलिडेटरी मार्च’ निकाला गया. इस मार्च के बाद ही राज्य में हिंसा की शुरुआत हुई. पूर्वोत्तर में बसे इस राज्य के कई हिस्सों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं देखने को मिली. हिंसा तब और बढ़ गई, जब आरक्षित वन भूमि पर रहने वाले कुकी ग्रामीणों को बेदखल कर दिया गया. इसकी वजह से छोटे-छोटे आंदोलन भी हुए.
शाह ने की थी हथियार लौटाने की अपील
गृह मंत्री अमित शाह 29 मई को मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे. यहां उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और हिंसा की जांच के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों का पैनल मणिपुर में हुई हिंसा की जांच करेगा. उन्होंने कुकी और मैतई समुदायों के प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात भी की. साथ ही इस दौरान राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा का जायजा लिया.
अमित शाह ने इंफाल में टॉप अधिकारियों संग सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने हथियारबंद उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया. उन्होंने अपील की कि जिन लोगों ने हथियारों को लूटा है, वो तुरंत उन्हें वापस कर दें, ताकि राज्य में शांति बरकरार हो पाए. उनकी अपील का असर भी देखने को मिला है, क्योंकि 140 हथियारों को सरेंडर किया गया है.
जिन हथियारों को सरेंडर किया गया है, उसमें एसएलआर 29, कार्बाइन, एके, इनसास राइफल, इनसास एलएमजी, .303 राइफल, 9 एमएम पिस्टल, .32 पिस्टल, एम16 राइफल, स्मोग गन और आंसू गैस के गोले, स्टेन गन, मोडिफाइड राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं.
मणिपुर में तैनात की गई सेना
मणिपुर की आबादी में 53 फीसदी लोग मैतई समुदाय से हैं. अधिकतर मैतई समुदाय के लोग इंफाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय (जिसमें नागा और कुकी शामिल हैं) लोगों की आबादी 40 फीसदी है, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं. वर्तमान में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के 10,000 जवानों को तैनात किया गया है.
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Fri, Jun 02, 2023, 03:08