बेगूसराय, 20 जनवरी (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव के समय व्यंग्य गीत ‘बिहार में का बा’ गाकर सुर्खियों में आई नेहा सिंह राठौर ने उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले ‘यूपी में का बा’ व्यंग्य गीत के सहारे योगी आदित्यनाथ की सरकार पर तंज कसा है। यह गाना बड़ी तेजी से अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार पर व्यंग करते हुए नेहा ने कहा है कि ‘यूपी में का बा, बाबा के दरबार में खतम रोजगार बा, हाथरस के निर्णय जोहत लड़की के परिवार बा अरे का बा, यूपी में का बा, कोरोना से लाखन मर गईल ले, लाशन से गंगा भर गईल, टिकठी औ कफन नोचत कुकुर बिलार बा, ऐ बाबा, यूपी में का बा।'' लेकिन इस गाना के बाद नेहा सिंह राठौर का दांव उल्टा पर गया और वह ट्रोल हो गई है। सोशल मीडिया पर लोग नेहा का लगातार विरोध कर रहे हैं। कई कलाकार ना केवल इसके काट में लगातार गाना निकाल रहे हैं, बल्कि यूपी से लेकर बिहार तक के आम लोगों ने भी इसका कड़ा प्रतिकार किया है।
बेगूसराय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और बड़े उद्यमी सुभाष कुमार ईश्वर कंगन ने कहा है कि नाचने-गाने वालों का कोई अस्तित्व नहीं होता है, ये सिर्फ पैसे के लिये नाटक करती है। कंगन ने कहा है कि यूपी-बिहार में का नहीं बा- बहुत कुछ बा, मिथिला का मर्यादित व्यवहार बा, अयोध्या, काशी, मथुरा बा, विकास सुरक्षा और शांति बा, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बा, अपराधों पर नियंत्रण और अपराधियों पर बुलडोजर चलल बा, माफिया का एनकाउंटर और बदमाशों का पलायन बा, सुव्यवस्था की सुशासन बा फिर भी ''काबा'' ? और क्या चाहिए नेहा जी, बन रहा है हमारी संस्कृति की पहचान का प्रतीक अयोध्या राम मंदिर। एक कलाकार वही होता जो सबका दिल जीत ले, देश के सबसे बड़े मठ श्री गोरखनाथ पीठ के मुख्य पीठाधिकारी योगी आदित्यनाथ जैसे संत के खिलाफ असत्य, असभ्य, अमर्यादित भाषा झूठ मनगठंत दुष्प्रचार ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए।
आपका बिहार और यूपी में का बा गाना पूरे देश के सनातन संस्कृती और राष्ट्रवादियों के खिलाफ एक सोची समझी देशविरोधी मुहिम का हिस्सा है। नेहा आप आज की यूथ आइकॉन हैं, भाषा की मधुरता अश्लीलता से दूर लोकगायन की भद्र आवाज हैं। समसामयिक विषयों पर सशक्ततता से आवाज उठाना अच्छी बात है, सत्ता व्यवस्था को आईना दिखाना भी अच्छी बात है, लेकिन अपने बतन में का बा, तलुवा चाटने की प्रवृत्ति जैसा है। उन्होंने कहा कि नेहा राठौड़ याद करें वह दिन जब अपनी मां के इलाज के लिए रो रही थी, हाथ-पैर जोड़ रही थी किसी हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा था तो बेड इसी भाजपा और जदयू के सरकार में बिहार में मिला और मैंने दिलवाया। आज आपकी मां जिंदा है वह भाजपा और बिहार सरकार की देन है, मर गई होती आपकी मां, उस समय भी गाती थी बिहार में का बा। राजनीति करें खुलकर करें, आपके निजी जीवन से कोई लेना देना नहीं है। मुझे पता है नाचने गाने वाली हों या वाला, इसका कोई अस्तित्व नहीं होता है, ये सिर्फ पैसे के लिये नाटक करती है। गाना के माध्यम से दर्पण दिखाना उचित है, लेकिन भाजपा, बिहार और यूपी पर ही क्यूं ? पुराने अनेक मुद्दे हैं उस पर भी ध्यान दीजिए, अगर अंतर ही समझना है तो समझ में आ जायेगा। यह वतन स्वर्ग से सुंदर है, यहां एक अदाकारी के भेष में जयचन्द कि भूमिका अदा नहीं करें।



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Thu, Jan 20 , 2022, 10:03 AM