नीतीश के कानून पर भारी पड़ गए माफिया

Wed, Dec 15 , 2021, 07:00 AM

Source :

पटना। पीला सोना यानी बालू के अवैध खनन और अवैध कारोबार को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने बालू खनन नीति 2019 तो जरूर बनाया लेकिन बालू माफियाओं के सिंडिकेट के आगे ये पूरी तरह से फेल रहा है। यूं कहें कि सरकार के नियम पर बालू माफियाओं का सिंडिकेट भारी पड़ रहा है। सिस्टम देखते रह गया और बालू टेंडर 2021 में घपला हो गया.अलग कागज पर तो एक व्यक्ति, कंपनी को टेंडर मिला,लेकिन हिस्सेदारी सबकी तय हो गयी।

घर का भेदी लंका ढाए की कहावत बिहार के खनन विभाग में पूरी तरह से सटीक बैठती है। खनन विभाग सरकार का हिस्सा जरूर है, लेकिन पूरा सिस्टम बालू माफियाओं के लिए है। सुप्रीम कोर्ट से स्टे हटने के बाद बालू खनन के लिए 2021 ओपन टेंडर किया गया। निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ बालू नीति 2019 के पालन का पूरा हवाला दिया गया, लेकिन बालू माफियाओं ने इसकी हवा निकाल दी। खनन विभाग मजबूर रहा। पटना जिले को ही लें तो यहां 51 बालू घाटों से खनन की बंदोबस्ती होनी है। खनन विभाग ने विकल्प के तौर पर न्यूनतम 70 लाख और अधिकतम 3 करोड़ दिया। ओपन टेंडर के लिए प्रक्रिया अपनाई गई। 16 नवंबर को निविदा पेपर डाउनलोड और 23 नवंबर तक जमा करने को कहां गया। इसके बाद 23 नवंबर को ही टेंडर खोला गया और 25 नवंबर को जिसने भी अधिकतम बोली लगाया उसकी सूची जारी कर दी गयी।  टेंडर के लिए पेपर डाउनलोड करने और जमा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया। यह एक सप्ताह बालू माफियाओं के लिए चमत्कारी रहा. अंदर से लेकर बाहर तक सूचनाएं आदान-प्रदान होती गई। कहने के लिए ओपन टेंडर हुआ लेकिन टेंडर की बोली सभी के करीब-करीब रहा। आपस में बालू माफियाओं ने एक दूसरे से समझौता कर लिया। कागज पर तो एक व्यक्ति या एक कंपनी को टेंडर मिला, लेकिन जितने भी टेंडर डालने वाले थे सबकी हिस्सेदारी तय हो गई। जो टेंडर अधिकतम में जाना चाहिए था वही टेंडर मध्यम बन कर रह गया। इसकी तुलना बालू टेंडर 2019 से की जा सकती है। 2019 में जो टेंडर हुआ था उसमें पूर्व के टेंडर और वृद्धि दर से 10 गुणा हुआ था। बालू खनन नीति 2019 के अनुसार 2021 में जो टेंडर हुआ उसके अनुकूल 40 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। अवैध बालू खनन अवैध कारोबार एवं व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच और कार्रवाई बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई कर रही है।

 

 

 

बालू के इस अवैध कारोबार से जुड़े कई एसपी, डीएसपी, एसडीओ, डीटीओ, सीओ, थानाध्यक्ष, जिला खनन पदाधिकारी के खिलाफ ईओयू ने एफआईआर दर्ज किया है. अभी जांच जारी है. यहां अब सबसे बड़ा सवाल यह हो गया है कि क्या मैनज टेंडर जिसमें सरकार के करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है उसकी भी जांच आर्थिक अपराध इकाई करेगी.

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups