नयी दिल्ली, 04 अगस्त (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की उस याचिका पर फिलहाल विचार न करें, जिसमें उन्होंने अपने समूह को असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन. वी. रमना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अपने मौखिक आदेश में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खेमे को राहत देते हुए भारत के चुनाव आयोग (election Commission) से शिंदे समूह द्वारा असली शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता देने के दावे पर कोई प्रारंभिक कार्रवाई नहीं करने को कहा।
शिंदे गुट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले असली शिवसेना (Shiv Sena) के रूप में अपनी पहचान के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
ठाकरे खेमे की ओर से शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके चुनाव आयोग की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने की गुहार लगाई गई थी। शीर्ष अदालत ने ठाकरे समूह की याचिका पर विचार के बाद चुनाव आयोग से कहा कि अगर ठाकरे समूह शिंदे गुट की याचिका पर अपने नोटिस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगता है, तो उसे इस संदर्भ में अदालत द्वारा व्यक्त विचारों को ध्यान में रखते हुए उनके अनुरोध पर विचार करना चाहिए। न्यायमूर्ति रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह सोमवार तक फैसला करेगी कि शिंदे समूह के विद्रोह और उसके बाद के घटनाक्रम से जुड़े महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य से जुड़े संवैधानिक महत्व के सवालों को बड़ी पीठ के पास भेजा जाए या नहीं।



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Thu, Aug 04 , 2022, 02:25 AM