चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (M K Stalin) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के श्रीलंका दौरे के दौरान कच्चातीवु के पुनरुद्धार और प्रदेश के मछुआरों की रिहाई के मुद्दे को नहीं उठाने पर निराशा व्यक्त करते हुए सोमवार को उनके कल्याण के लिए 576.73 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की।
स्टालिन ने राज्य विधानसभा में नियम 110 के तहत एक बयान देते हुए मछुआरों के कल्याण, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उनकी गिरफ्तारी को रोकने और उनकी रिहाई और नौकाओं को श्रीलंका की हिरासत से सुरक्षित करने के संबंध में कई अनुरोध करने के बावजूद श्री मोदी और केंद्र पर राज्य के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा ने कुछ दिन पहले एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका को सौंपे गए कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने की मांग की गई थी और मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह अपनी यात्रा के दौरान इस मुद्दे को श्रीलंका सरकार के समक्ष उठाएं ताकि मछुआरों की आजीविका की रक्षा हो सके और उनके पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकार को बहाल किया जा सके तथा सभी गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि श्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान कोई ठोस कदम नहीं उठाया और 97 गिरफ्तार मछुआरों और उनकी जब्त नौकाओं की बहुप्रतीक्षित रिहाई नहीं हो पाई।
मुख्यमंत्री ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों की लगातार गिरफ्तारी को चिंताजनक बताते हुए आश्वासन दिया कि भले ही केंद्र और प्रधानमंत्री हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दें लेकिन सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) मछुआरों की रक्षा करेगी और रामनाथपुरम, नागापट्टिना, थूथुकुडी, पुदुक्कोट्टई, तिरुवर और तंजावुर जिलों सहित मन्नार की खाड़ी क्षेत्र में मछुआरों के कल्याण के लिए 576.73 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की। पैकेज में पहले से घोषित मछली पकड़ने के बंदरगाह परियोजनाओं के विकास के लिए 360 करोड़ रुपये और उनकी आजीविका को बनाए रखने के लिए 216.73 करोड़ रुपये शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि 20.55 करोड़ रुपये की लागत से 15,300 मछुआरों को मछली उत्पादन और मछली से संबंधित मूल्यवर्धित उत्पादों में तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, मशरूम की खेती, पर्यटक नाव संचालन और हस्तशिल्प, मसाला उत्पाद, सौंदर्यीकरण पाठ्यक्रम और बाजरा की खेती जैसे गैर-मछली पकड़ने के उद्यमशीलता उपक्रमों में मछुआरों को प्रशिक्षित करने के लिए 53.62 करोड़ रुपये की योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं को विभिन्न विभागों, महिला एसएचजी, टीएन कौशल विकास निगम, टीएन महिला विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा और कहा कि इन योजनाओं के निष्पादन की निगरानी के लिए एक निगरानी विंग का गठन किया जाएगा।
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Tue, Apr 08 , 2025, 08:27 AM