Operation Brahma: ऑपरेशन ब्रह्मा पर बड़ा अपडेट!  एनडीआरएफ टीम ने मांडले के उह्ला थीन मठ में बचाव अभियान किया शुरू, 

Mon, Mar 31 , 2025, 12:09 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। भारत की एनडीआरएफ टीम (India's NDRF team) ने म्यांमार के मांडले स्थित उह्ला थीन मठ (Uhla Thein Monastery) में बचाव अभियान शुरू कर दिया है, जहां शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप (Destructive earthquake) के बाद लगभग 170 बौद्ध भिक्षु अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। भारतीय सेना की टीम (Indian Army team) एक चयनित स्थल पर अपनी चिकित्सा सेवा स्थापित करने की तैयारी कर रही है।

विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन ब्रह्मा (Operation Brahma) पर एक अपडेट में कहा कि “हम स्काई विला में एनडीआरएफ की टीम तैनात करने की भी कोशिश कर रहे हैं, जहां 11-11 मंजिलों वाले चार टावर ढह गए हैं। टावरों में कई विदेशी हैं; या म्यांमार सरकार जिस किसी अन्य साइट पर विचार करेगी, वहां टीम तैनात की जा सकती है।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि राहत सामग्री राज्य महानायक समिति (म्यांमार की दूसरी सबसे बड़ी समिति) के महासचिव को भी दी जाएगी, जहां लगभग 2,000 भिक्षु मठ के बाहर बैठे हैं (जो घायल नहीं हैं, लेकिन उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है और कोई बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं)।

इसने कहा कि हमारी टीमें मंडाले पैलेस, महा मुनि पैगोडा, एमआईआईटी तथा अन्य ऐसे स्थानों पर भी तैनात की जाएंगी जहां भारी क्षति हुई है। बयान में कहा गया कि हम भारतीय समुदाय के सदस्यों को रहने एवं भोजन के लिए सहायता प्रदान कर रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, स्काई विला अपार्टमेंट ब्लॉक के मलबों में 90 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। उल्लेखनीय है कि 28 मार्च को दोपहर में मंडाले के उत्तर-पश्चिम में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कुछ ही मिनटों बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका लगा।

भूकंप के कारण म्यांमार के बड़े हिस्से में इमारतें नष्ट हो गईं, पुल गिर गए और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर और 17 लाख से अधिक लोगों के घर मांडले में भारी तबाही हुई। उह्ला थीन मठ में 180 से अधिक भिक्षु, वरिष्ठ स्तर की भिक्षुणी छह दिवसीय परीक्षा दे रहे थे, जब शुक्रवार को भूकंप आया। भूकंप के कारण इमारत के एक हिस्से की तीन मंजिलें एक के ऊपर एक गिर गईं। रिपोर्टों के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को कुल 21 लोगों को जीवित बचा लिया गया तथा रविवार सुबह तक मठ से 13 शव बरामद किये गये।

रविवार को भारतीय नौसेना के जहाज एलसीयू 52 और आईएनएस करमुक 30 टन आपदा राहत और चिकित्सा आपूर्ति के साथ यांगून के लिए रवाना हुए। भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद करने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा के अंतर्गत शनिवार रात भारतीय वायुसेना के दो सी-130 विमान 80 एनडीआरएफ खोज एवं बचाव कर्मियों को लेकर, तथा दो सी-17 विमान 118 सदस्यीय भारतीय सेना फील्ड अस्पताल इकाई को लेकर नेपीता में उतरे।

सूत्रों के अनुसार, भारत द्वारा हवाई और नौसेना के जहाजों के माध्यम से अब तक भेजी गई कुल सहायता 137 टन है। आवश्यकता के अनुसार और सहायता भेजी जाएगी।दो सी-17 विमान 118 सदस्यीय भारतीय सेना फील्ड अस्पताल इकाई को ले जा रहे हैं, जिसमें विशेषज्ञ और चिकित्सक शामिल हैं, तथा इसमें 60 टन राहत सामग्री के साथ महिला एवं बाल देखभाल सेवाएं भी शामिल हैं। इससे पहले, भारतीय वायुसेना के दो सी-130 विमान भी म्यांमार की राजधानी में उतरे, जिनमें 80 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की खोज और बचाव टीम, चार कुत्ते और 10 टन राहत सामग्री शामिल थी।

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