मध्यप्रदेश को केंद्र से मिले दो नए प्रोजेक्ट, केन-बेतवा वृहद परियोजना और पार्वती- कालीसिंध-चंबल परियोजना शामिल

Tue, Dec 10, 2024, 11:25

Source : Uni India

River Linking Project: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मध्यप्रदेश को नदी जोड़ो अभियान अंतर्गत दो बड़ी परियोजनाएं दी है, जिनमें बुंदेलखण्ड क्षेत्र की केन-बेतवा वृहद परियोजना (Ken-Betwa mega project) और पार्वती- कालीसिंध-चंबल परियोजना (Parvati-Kalisindh-Chambal project) शामिल है।डॉ यादव ने कल नयी दिल्ली में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान ये जानकारी दी। उन्होंने मध्यप्रदेश में 11 दिसंबर से शुरू हो रहे मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान और जनकल्याण पर्व में संचालित होने वाली गतिविधियों और राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में हुए जनहित एवं विकास के कार्यों की जानकारी संवाददाताओं के साथ साझा की। उन्होंने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं से मध्यप्रदेश के साथ उत्तरप्रदेश और राजस्थान भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही केन-बेतवा परियोजना का भूमि-पूजन प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में वृहद स्तर पर सिंचाई होगी। साथ ही पेयजल भी उपलब्ध होगा। इससे पूरे क्षेत्र में समृद्धि आयेगी। डॉ यादव ने कहा कि गत् दो दशकों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का हल निकालकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के 10 और राजस्थान के 13 जिलों को अनूठी सौगात दी है। साथ ही भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना के स्वप्न को साकार किया है। डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों और नवाचारों के माध्यम से नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित कर रही है। प्रदेश में शुरू किये जा रहे जन कल्याण अभियान और पर्व के दौरान नगरों और ग्रामों में 18 हजार करोड़ से अधिक लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन, शासकीय योजनाओं से वंचित रहे पात्र नागरिकों को लाभान्वित करने के साथ आमजन से जुड़ी 63 शासकीय सेवाओं से संबंधित समस्याओं का शिविर लगाकर मौके पर निराकरण किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया गया है। यह देश में अनोखा है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अलग पहचान बना रहा है। इसके साथ ही कई आईटी पार्क युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। मध्यप्रदेश की खनिज संपदा, जल संपदा का उपयोग कर समृद्धि की संभावनाएं साकार कर रहा है। हाल ही में संभाग स्तर पर सम्पन्न उद्योग कॉन्क्लेव रोजगार वृद्धि और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध होंगी। प्रदेश के बजट को साढ़े तीन लाख करोड़ से बढ़ाते हुए 4 वर्ष में 7 लाख करोड़ रूपए तक ले जाने का लक्ष्य है। यह प्रयास है कि जीडीपी में वृद्धि हो और मध्यप्रदेश भारत को विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बनने के संकल्प में सहयोगी हो।

डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ाते हुए किसानों और नागरिकों के हित में निरंतर कार्य किया है। कृषि के साथ अब पशुपालन को बढ़ावा दे रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादन पर बोनस प्रदान करेगी। हाल ही में राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ करार हुआ है। प्रदेश का दुग्ध उत्पादन देश के दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा। इससे किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी। प्रदेश में किसानों के हित में साइबर तहसील व्यवस्था प्रारंभ की गई है, जो देश में अनूठी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। लाड़ली बहना योजना में प्रतिमाह 1250 रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। नारी सशक्तिकरण के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं को विभिन्न पदों पर 35 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय लिया गया है। साहस की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम से श्री अन्न प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की गई है। वीरांगना की स्मृति में दमोह जिले के सिंग्रामपुर में मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित की गयी।

डॉ यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में रीवा एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ है। कई नगरों से भोपाल तक सस्ती हवाई सेवा प्रारंभ की गई है। आयुष्मान योजना के हितग्राहियों को अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। पीएमश्री एयर एम्बुलेंस भी प्रारंभ की गई हैं जो गंभीर रोगियों को एयर लिफ्ट कर बड़े चिकित्सा संस्थानों में पहुंचाने का कार्य करती हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में पर्यावरण के क्षेत्र में काफी कार्य हो रहा है। ‘एक पेड़ माँ के नाम अभियान’ के अंतर्गत वृहद पौध-रोपण हुआ है। पुराने जल स्रोतों को उपयोगी बनाने और जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नागरिकों की भागीदारी करवाकर जागरूकता बढ़ाई गई है।

उन्होंने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। सड़कों के निर्माण से लेकर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक स्नान व्यवस्था से जुड़े कार्य हो रहे हैं। क्षिप्रा के लिए गंगा की तरह हिमालय के ग्लेशियर नहीं हैं और पूर्व के सिंहस्थ में गंभीर और नदियों से क्षिप्रा में जल लाने के कार्य हुए हैं। पहली बार शिप्रा के जल से ही श्रद्धालु स्नान का पुण्य लाभ ले सकेंगे। इसके लिए अनेक कार्य संचालित हैं, जिनसे सिलार खेड़ी में वर्षा जल संग्रहित होगा। विभिन्न परियोजनाओं से शिप्रा को प्रदूषण से बचाकर स्वच्छ निर्मल जल के प्रवाह वाली नदी बनाने के कार्य हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में शिक्षा का विशेष महत्व रहा। उन्होंने कंस को मारने के बाद उज्जैन आकर शिक्षा ग्रहण करने का कार्य किया। भगवान श्रीकृष्ण के संदेश और गीता की शिक्षाओं को नागरिकों तक पहुंचाने के लिए 11 दिसम्बर को प्रदेश स्तर पर गीता जयंती के कार्यक्रम हो रहे हैं।

डॉ यादव ने समाचार पत्र प्रतिनिधियों को प्रदेश के सभी जिलों में की गई पुलिस बैंड व्यवस्था, कुलपति पद का नाम कुलगुरू करने, पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के एकीकरण, सुशासन और श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में कपड़ा मिलों में कार्यरत रहे श्रमिकों की बरसों से लंबित बकाया राशि उन्हें दिलवाने, विभिन्न पर्व त्योहार में सरकार की सहभागिता बढ़ाने और विश्व धरोहर स्थल खजुराहो और तानसेन की नगरी ग्वालियर में कलात्मक गतिविधियों के साथ विभिन्न विश्व रिकार्ड बनाने की उपलब्धियों की जानकारी भी प्रदान की।

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