चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (Tamil Nadu Chief Minister) एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष एम के स्टालिन (MK Stalin) ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री वी. सेंथिलबालाजी (V. Senthilbalaji) का उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से जमानत मिलने पर गुरुवार को स्वागत किया। श्री स्टालिन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ''मेरे प्यारे भाई सेंथिलबालाजी को 471 दिनों के बाद उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल गई है।'' उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में जहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) को राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए एक विभाग में बदल दिया गया है, उच्चत न्यायालय ही एकमात्र रोशनी की किरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान भी किसी को इतने दिनों तक जेल में नहीं रहना पड़ा था। उन्होंने कहा, ''राजनीतिक षड्यंत्र 15 महीने तक जारी रहे।''
स्टालिन ने कहा, ''उन्हें गिरफ्तार करके और जेल में रखकर वे भाई सेंथिलबालाजी के संकल्प को तोड़ना चाहते थे। मैं भाई सेंथिलबालाजी का स्वागत करता हूं जो नए जोश के साथ जेल से बाहर आएंगे।'' उन्होंने कहा, ''आपका बलिदान महान है, आपकी इच्छा शक्ति उससे भी बड़ी है।'' उल्लेखनीय है कि श्री सेंथिलबालाजी को पिछले साल 14 जून को उनके आवास और राज्य सचिवालय में उनके मंत्रिस्तरीय कक्ष में दिन भर चले ईडी के छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह छापा पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नौकरी के लिए नकदी घोटाले के सिलसिले में मारा गया था।
सेंथिलबालाजी ने बाद में पार्टी छोड़ दी और द्रमुक में शामिल हो गए और मई 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के सत्ता में आने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया। गिरफ्तारी के बाद भी श्री स्टालिन ने उन्हें बिना विभाग मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में बनाए रखा। तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने राज्य मंत्रिमंडल में उनके बने रहने पर आपत्ति जताई और उन्हें बर्खास्त भी कर दिया, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सलाह पर इसे स्थगित रखा गया था। उच्च न्यायालय ने भी उनके मंत्रिमंडल में बने रहने पर आपत्ति जताई। बाद में श्री सेंथिलबालाजी ने इस साल फरवरी में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
सेंथिलबालाजी ने गिरफ्तारी के तुरंत बाद ईडी कार्यालय ले जाते समय सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें सरकारी एस्टेट में ओमनदुरार मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। एंजियोग्राम से पता चला कि उनके दिल में ब्लॉकेज है, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में कोरोनरी बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी गई जहां वह अपनी पत्नी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तारी से पहले समय-समय पर उपचार ले रहे थे।
ईडी ने अगस्त 2023 में प्रधान सत्र न्यायालय में समर्थित दस्तावेजों के साथ मंत्री के खिलाफ 3,000 पृष्ठों का आरोप पत्र दायर किया था। सत्र न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय दोनों ने उनकी जमानत खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का रुख किया। श्री सेंथिलबालाजी को जमानत की राशि अदा करने और उन्हें जमानत देने वाले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पेश करने के बाद आज शाम तक पुझल केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया जाएगा।
इस बीच पुलिस ने जेल के सामने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। बड़ी संख्या में द्रमुक कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर एकत्र हुए और पटाखे फोड़कर उच्चतम न्यायालय के फैसले का जश्न मनाया। उनके पैतृक शहर करूर में भी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी इसी तरह के जश्न मनाए गए। कानून मंत्री एस. रघुपति और स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम सहित श्री स्टालिन के मंत्रिमंडल सहयोगियों ने भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया और कहा कि पूर्व मंत्री ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।



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Thu, Sep 26 , 2024, 04:34 PM