सुप्रीम कोर्ट का  केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को निर्देश! कहा- परीक्षा में एक मानक संचालन प्रक्रिया बाएं रखें 

Fri, Aug 02 , 2024, 02:40 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने स्नातक स्तर की मेडिकल और संबंधित अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) के प्रश्नपत्र बनाने से लेकर परीक्षा केंद्र पर सुरक्षित पहुंचाने, सुरक्षित रखने, संबंधित परीक्षार्थियों को समय पर देने और कड़ी जांच सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को एक मानक संचालन प्रक्रिया बनाने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने पांच मई 2024 को आयोजित नीट-यूजी में गड़बड़ी समेत अन्य अनियमितताओं के खिलाफ दायर याचिकाओं पर विस्तृत फैसला सुनाते हुए यह निर्देश दिया।

पीठ ने 23 जुलाई के अपने फैसले में नीट परीक्षा दोबारा कराने की गुहार ठुकरा दी थी। पीठ ने आज अपने विस्तृत फैसले में कहा कि उपलब्ध तथ्यों से पता चलता कि परीक्षा में कोई प्रणालीगत उल्लंघन नहीं हुआ कि परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने का आदेश दिया जाए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करने के लिए निष्पक्ष, पूर्णतः सुरक्षित, पारदर्शी और मजबूत प्रणाली सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पीठ ने धोखाधड़ी को रोकने के लिए विभिन्न चरणों में पहचान जांच बढ़ाने और तकनीकी नवाचारों का भी आदेश दिया।

शीर्ष अदालत ने नीट-यूजी 2024 के प्रश्न पत्र सार्वजनिक होने और अन्य अनियमितताओं की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित के राधाकृष्णन विशेषज्ञ समिति के दायरे को भी बढ़ाते हुए कहा कि समिति को एक मजबूत परीक्षा प्रक्रिया के लिए सात चरणों को शामिल करना चाहिए। सात चरणों में मूल्यांकन समिति, मानक संचालन प्रक्रिया, परीक्षा केंद्र आवंटित करने की प्रक्रिया की समीक्षा, बढ़ी हुई पहचान जांच के लिए प्रक्रिया, परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी, ​​पेपर में छेड़छाड़ न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षित लॉजिस्टिक प्रदाता और एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की सिफारिश करना शामिल है। पीठ ने यह भी कहा कि विशेषज्ञ समिति को परीक्षा प्रणाली की कमियों को दूर करना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने प्रश्नपत्र केंद्रों तक पहुंचाने के लिए खुले ई-रिक्शा के बजाय वास्तविक समय के लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग करने की व्यवहार्यता पर विचार करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि यदि किसी छात्र को फैसले में हल किए गए मुद्दों से संबंधित किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत शिकायत है तो वह संबंधित उच्च न्यायालयों में जाने के लिए स्वतंत्र होगा।

पीठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि प्रश्न पत्र सार्वजनिक होने की घटनाएं केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थीं। प्रश्नपत्रों का कोई व्यवस्थित तौर पर दुरुपयोग नहीं हुआ है। उच्चतम न्यायालय ने 23 जुलाई को नीट 2024 दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश देने की याचिका को खारिज कर दिया था। उसने तब कहा था कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध तथ्य यह संकेत नहीं देते है कि प्रश्न पत्र सार्वजनिक होने की घटनाओं के कारण पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई थी।

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