नैनीताल: कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद प्रदीप टमटा(MP Pradeep Tamta)ने मंगलवार को बिनसर अग्निकांड मामले में सरकार को दोषी मानते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल से इस्तीफे की मांग की है। श्री टमटा ने अल्मोड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिनसर वन्य जीव अभ्यारण्य में आग बुझाने गये चार कर्मियों की मौत के मामले में सरकार दोषी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक ऐसे मामलों में कोई नीति नहीं बनायी गयी है। सरकार की लापरवाही के चलते चार लोग शहीद हो गये और चार जिदंगी और मौत से दिल्ली एम्स में जूझ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने अभी तक इस अग्निकांड के मृतकों और घायलों के लिये कोई ठोस घोषणा नहीं की है। न ही पीड़ितों को कोई अनुग्रह राशि दी है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद वन मंत्री(Forest Minister) को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने वन मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है और कहा कि यदि वन मंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री धामी(Chief Minister Dhami) उन्हें बर्खास्त करें।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अल्मोड़ा के बिनसर वन्य जीव विहार में वनाग्नि भड़क गयी थी। वन कर्मियों और पीआरडी जवानों की एक टीम आग बुझाने के लिये गयी थी जिसमें एक पीआरडी जवान समेत चार की मौत हो गयी थी जबकि चार अन्य बुरी तरह से झुलस गये थे।
प्रदेश सरकार की ओर से चारों को उपचार के लिये हेलीकाप्टर से दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद प्रदेश सरकार ने सेवा में लापरवाही के लिये डीएफओ और वन संरक्षक को निलंबित कर दिया था।
नैनीताल: कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद प्रदीप टमटा(MP Pradeep Tamta)ने मंगलवार को बिनसर अग्निकांड मामले में सरकार को दोषी मानते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल से इस्तीफे की मांग की है। श्री टमटा ने अल्मोड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिनसर वन्य जीव अभ्यारण्य में आग बुझाने गये चार कर्मियों की मौत के मामले में सरकार दोषी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक ऐसे मामलों में कोई नीति नहीं बनायी गयी है। सरकार की लापरवाही के चलते चार लोग शहीद हो गये और चार जिदंगी और मौत से दिल्ली एम्स में जूझ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने अभी तक इस अग्निकांड के मृतकों और घायलों के लिये कोई ठोस घोषणा नहीं की है। न ही पीड़ितों को कोई अनुग्रह राशि दी है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद वन मंत्री(Forest Minister) को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने वन मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है और कहा कि यदि वन मंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री धामी(Chief Minister Dhami) उन्हें बर्खास्त करें।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अल्मोड़ा के बिनसर वन्य जीव विहार में वनाग्नि भड़क गयी थी। वन कर्मियों और पीआरडी जवानों की एक टीम आग बुझाने के लिये गयी थी जिसमें एक पीआरडी जवान समेत चार की मौत हो गयी थी जबकि चार अन्य बुरी तरह से झुलस गये थे।
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Tue, Jun 18 , 2024, 04:00 AM