बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय(Karnataka High Court) ने पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दी। उन पर महिला के अपहरण का आरोप है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने मंगलवार को यहां कहा, “पुलिस को आरोपी से यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह उस तरह से जवाब देगा जिस तरह से पुलिस चाहती है। यह कानून नहीं है।” न्यायालय ने अपहरण के आरोपों के बीच पूर्व सांसद की मां भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत भी दे दी।
न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा, “मैंने महिला को अनावश्यक या टालने योग्य हिरासत से बचाने में कदम आगे बढ़ाया है। हमारे सामाजिक ढांचे में वे परिवार का केंद्र हैं।” पीठ ने कहा कि हालांकि पुलिस ने सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है, लेकिन भवानी रेवन्ना(Bhavani Revanna) ने उनसे पूछे गए सभी 85 सवालों के जवाब दिए हैं। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि कानून आरोपी व्यक्तियों को पुलिस की ओर से निर्धारित तरीके से जवाब देने का आदेश नहीं देता है।
न्यायालय ने भवानी की जमानत पर कड़ी शर्तें भी लगाई हैं। भवानी रेवन्ना जांच के उद्देश्य को छोड़कर किसी भी परिस्थिति में मैसूर और हसन जिलों में प्रवेश नहीं करेंगी। न्यायालय ने ‘मीडिया ट्रायल’ के खिलाफ भी चेतावनी देते हुए कहा, “जब हम आम आदमी अखबार पढ़ते हैं तो वे इस पर विश्वास कर लेते हैं। प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया को महिला के मामले में सतर्क रहना चाहिए, उन्हें पारिवारिक जीवन में खलल नहीं डालना चाहिए।”
न्यायालय ने 14 जून को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और अंतिम निर्णय तक अंतरिम संरक्षण जारी रखा। विशेष लोक अभियोजक रविवर्मा कुमार(Ravivarma Kumar) ने इस आधार पर अंतरिम जमानत आदेश रद्द करने की मांग की कि भवानी रेवन्ना जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और उनसे पूछे गए सवालों के गलत जवाब दे रही हैं।
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Tue, Jun 18 , 2024, 03:55 AM