नेस्ले बच्चों की सेहत से खेल रही है? मैगी के बाद विवादों के घेरे में एक और उत्पाद

Thu, Apr 18, 2024, 03:16

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली. स्विट्जरलैंड की दिग्गज कंपनी नेस्ले (Swiss giant Nestle) एक बार फिर विवादों के दौर में फंस गई है। 2015 में कंपनी का प्रोडक्ट मैगी (product Maggi) विवादों में घिर गया था।  वेबसाइट पब्लिक आई द्वारा किए गए खुलासे के बाद स्विट्जरलैंड की यह कंपनी (Swiss company) एक बार फिर विवादों में है। भारत में कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले दो उत्पादों में चीनी की मात्रा अधिक पाई गई है। लेकिन यूरोप, जर्मनी, ब्रिटेन में एक ही उत्पाद में चीनी की मात्रा नहीं पाई जाती है। इस विवाद के चलते यह सवाल पूछा जा रहा है कि कंपनी ने ऐसी पॉलिसी सिर्फ भारतीय बच्चों (Indian children) के लिए ही क्यों लागू की। विकसित और विकासशील देशों के बीच यह भेदभाव न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि यह बात सामने आ रही है कि कंपनी बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस खबर के बाद कंपनी का शेयर गिर गया। गुरुवार के कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयरों में 3.5 फीसदी की गिरावट आई।

बच्चों की सेहत से खिलवाड़
नेस्ले दुनिया का एक मशहूर ब्रांड है। इस कंपनी के उत्पाद न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में बेचे जाते हैं। लेकिन कंपनी की कुछ नीतियों और उत्पादों के आधार पर कंपनी पर भारत में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया जा रहा है। बच्चों के दूध और सेरेलैक जैसे उत्पादों में बहुत अधिक चीनी मोटापे और अन्य बीमारियों को निमंत्रण है। इस पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है। 

दावा क्या है?
स्विस कंपनी पब्लिक आई ने नेस्ले के उत्पाद का निरीक्षण किया। इसमें पब्लिक आई ने दावा किया है कि कंपनी गरीब देशों में बच्चे पैदा करने में बहुत ज्यादा चीनी का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन पब्लिक आई के मुताबिक, विकसित देशों में बच्चों के उत्पादों में ज्यादा चीनी नहीं होती है। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी अपने उत्पाद ब्रोशर पर विटामिन और खनिजों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। लेकिन इसमें चीनी का जिक्र नहीं है। 

भारत एक बड़ा बाज़ार है
नेस्ले के उत्पाद (Nestle products) भारत में लोकप्रिय हैं। अया इस प्रोडक्ट पर आंख मूंदकर भरोसा करती हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में नेस्ले कंपनी भारत में 20,000 करोड़ रुपये के प्रोडक्ट बेचेगी। दावों के मुताबिक, भारत में शिशु उत्पादों में लगभग 3 ग्राम चीनी का उपयोग होता है। जबकि यूरोपीय देशों में बच्चों के उत्पादन में चीनी का एक कण भी नहीं होता। WHO के अनुसार, उत्पाद में बहुत अधिक चीनी बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है।

शेयर गिर गया
पब्लिक आई की इस रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट आई। गुरुवार को बाजार खुलते ही नेस्ले के शेयर 3 फीसदी गिर गए। दोपहर 2:18 बजे नेस्ले इंडिया के शेयर 83.30 फीसदी की गिरावट के साथ 2,462.85 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। इस शेयर ने निवेशकों को एक साल में 19 फीसदी का रिटर्न दिया है। 

 

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