Ram Navami 2024 : राम नवमी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Mon, Apr 15, 2024, 03:15

Source : Hamara Mahanagar Desk

Importance of Ramnavmi: मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री राम (Maryadapurushottam Lord Shri Ram) का जन्मदिन हर जगह रामनवमी(Ramnavmi) के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में रामनवमी का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग (Vedic calendar) के अनुसार हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का त्योहार (festival of Ram Navami) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।

दिलचस्प बात यह है कि यह चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का आखिरी दिन है। राम नवमी के साथ इस नवरात्रि का समापन होता है। इस साल देशभर में राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। रामनवमी के दिन भगवान श्री राम की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही श्री राम के साथ-साथ माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की भी पूजा की जाती है। आज हम राम नवमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताने जा रहे हैं। 

रामनवमी का शुभ मुहूर्त
इस साल राम नवमी 17 अप्रैल को पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाने वाली है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1:23 बजे शुरू होगी। यह तिथि 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए रामनवमी का त्योहार उदयातिथि के आधार पर 17 अप्रैल (बुधवार) को मनाया जाएगा।

रामनवमी का शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल बुधवार को सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक रहेगा, तो आप इस दौरान भगवान श्री राम की पूजा कर सकते हैं। इस बार रामनवमी की कुल पूजा के लिए 2 घंटे 35 मिनट का समय रहेगा। 

रामनवमी पर कैसे करें
पूजारामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

  • स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान श्री राम का ध्यान करें।
  • अगर आपके पास भगवान श्री राम की मूर्ति या फोटो है तो उस फोटो या मूर्ति को साफ कर लें।
  • अब उस मूर्ति या फोटो पर फूल, अगर बत्ती, धूप जलाकर दिखाएँ।
  • फिर रामनवमी के शुभ अवसर पर मूर्ति या फोटो के सामने बैठकर रामचरित मानस या रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
  • मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम का ध्यान और रामचरित मानस, रामरक्षा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।
  • अगर आप इस दिन पूजा करने में सक्षम नहीं हैं तो कम से कम 108 बार भगवान श्री राम के नाम का जाप कर सकते हैं। 

रामनवमी का महत्व
भगवान श्री राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था और उनके नाम पर इस तिथि को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में रामनवमी का विशेष महत्व है। अपनी निष्ठा, चरित्र, प्रतिबद्धता और अपनी प्रजा के प्रति समर्पण के कारण भगवान श्री राम को पुरूषोत्तम का दर्जा प्राप्त हुआ, इसलिए उन्हें 'आदिपुरुष' कहा जाता है।

मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम साहस, धैर्य, दृढ़ संकल्प, निष्ठा और विश्वास के प्रतीक हैं। इसलिए भगवान श्रीराम का स्मरण करना चाहिए और उनके गुणों को अपने अंदर धारण करना चाहिए, यही संदेश रामनवमी का पर्व हमें देता है। 

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