Summer Drinks: गर्मियों में तपन और थकान (heat and fatigue) को कम करने के लिए कोल्ड ड्रिंक (Cold drinks) का सेवन किया जाता है। गन्ने का रस, फलों का रस, सूखे मेवों का रस, कोकम शरबत, नीबू शरबत और नारियल पानी आम पेय बन गए। इसके साथ ही सांगली की खासियत (specialty of Sangli) मट्ठा और रागी (whey and ragi) की खटास है। हर पेय का महत्व शरीर के लिए उपयोगी होता है। पोषण विशेषज्ञ डॉ. अर्चना ऐनापुरे इस पेय के महत्वपूर्ण फायदे बताते हैं।
नारियल पानी : नारियल को कल्पवृक्ष कहा जाता है। बीमार व्यक्ति को दिया जाता है, यह सलाइन की तरह काम करता है। नारियल पानी में काफी मात्रा में नमक होता है। गीले नारियल से समूह बी के विटामिन प्राप्त होते हैं। नारियल का पानी मूत्र विकार, गुर्दे की पथरी, हैजा में उपयोगी है। गर्मी में दस्त, उल्टी, पसीना आने के बाद शरीर में लवण की कमी होने से भी कमजोरी आ जाती है। जिसकी पूर्ति नारियल पानी पीने के साथ हो जाता है। नारियल पानी एंटीसेप्टिक होता है, यह आंत में बचे हुए कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। दिल मजबूत हो जाता है; साथ ही संज्ञानात्मक और पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है। रोगाणुहीन होने के कारण यह सभी के लिए उपयोगी है।
नींबू का शरबत: आयुर्वेद में नींबू का अधिक महत्व है। यह खट्टा, पाचक, गहरा, हल्का, आंखों को ताजगी देने वाला, रुचिकर, कुछ हद तक कसैला होता है। नींबू पित्तशामक, जठराग्नि-प्रदाहक, मुखशोधक का काम करता है अर्थात जो भोजन कीटाणुओं से युक्त होता है, उसे नष्ट कर देता है। इसलिए नींबू के रस से शरीर में वात, पित्त, कृमि कम होते हैं। नींबू को पानी के साथ लेना चाहिए; केवल नींबू का रस ही दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है। खाली पेट जूस पीने से शरीर साफ हो जाता है। गर्मियों में नींबू पानी का सेवन करने से विटामिन सी मिलता है। नींबू का शरबत एथलीटों के लिए 'ऊर्जा बढ़ाने' का काम करता है।
मट्ठा : मट्ठा को गर्मियों का 'अमृत' माना जाता है। मट्ठा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। छाछ या मट्ठा के नियमित सेवन से व्यक्ति की सेहत को कभी कोई नुकसान नहीं होता है। मट्ठा से प्रोटीन, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन प्राप्त होता है। मानसून के दौरान एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। लेकिन गर्म पानी में छाछ मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। दमा संबंधी विकारों में उपयोगी मट्ठा, छाछ, लस्सी पेट की बीमारियों के लिए अच्छे हैं; केवल रात को न पियें। पाचन तंत्र मजबूत होता है। जो महिलाएं ल्यूकोरिया से परेशान हैं उन्हें छाछ पीना चाहिए, मधुमेह, बवासीर, गठिया में इसका सेवन किया जा सकता है।
रागी अंबिल: गर्मियों के दौरान अंबिल की मांग बढ़ जाती है क्योंकि यह गर्मी प्रतिरोधी है। यह भरपूर मात्रा में कैल्शियम प्रदान करता है। रागी निहाई पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है, थकान दूर होती है। यह हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। इससे मधुमेह को कम करने में मदद मिलती है।
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Mon, Apr 01, 2024, 01:41