RBI की र‍िपोर्ट में खुश करने वाला अपडेट, 2023-24 में ग्रोथ रेट बरकरार रहने की संभावना

Tue, May 30, 2023, 02:52

Source : Hamara Mahanagar Desk

Reserve Bank of India: मजबूत आर्थिक नीतियों और जिंस कीमतों में ग‍िरावट (fall in commodity prices) के चलते देश की ग्रोथ रेट 2023-24 में बरकरार रहने की संभावना है. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की तरफ से जारी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. आरबीआई (RBI) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई में कमी की उम्मीद भी है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि धीमी वैश्‍व‍िक वृद्धि, दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव और वैश्‍व‍िक वित्तीय प्रणाली (global financial system) में दबाव की ताजा घटनाओं के कारण अगर वित्तीय बाजार में अस्थिरता होती है, तो इससे वृद्धि के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा हो सकते हैं.
दूसरी छमाही में वृद्धि की गति कम हुई
केंद्रीय बैंक ने कहा कि विवेकाधीन खर्च में लगातार सुधार, उपभोक्ता व‍िश्‍वास की बहाली, कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों के खत्म होने के बाद अच्छी त्योहारी मांग और पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर से वृद्धि को समर्थन मिला. हालांकि, अधिक आधार प्रभाव, महंगाई के कारण निजी खपत कमजोर रहने, निर्यात वृद्धि की सुस्त रफ्तार और लगात बढ़ने के कारण 2022-23 की दूसरी छमाही में वृद्धि की गति कम हुई है.
जीडीपी के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया, 'मजबूत व्यापक आर्थिक नीतियों, जिंस कीमतों में नरमी, मजबूत वित्तीय क्षेत्र, स्वस्थ कॉरपोरेट क्षेत्र, सरकारी व्यय की गुणवत्ता पर लगातार जोर, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन और महंगाई के मोर्चे पर नरमी के कारण भारत की वृद्धि गति 2023-24 में बरकरार रहने की उम्मीद है.' रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत की वास्तविक जीडीपी के 2022-23 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है.' केंद्रीय बैंक ने 311 पन्‍नों की रिपोर्ट में कहा, 'भारत की मध्यम अवधि की वृद्धि क्षमता में सुधार के लिए संरचनात्मक सुधारों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.'
थोक महंगाई दर के घटने की उम्‍मीद
आरबीआई की 2022-23 के लिए वार्षिक रिपोर्ट में आगे कहा गया कि उसकी मौद्रिक नीति यह सुनिश्चित करने के लिए है कि वृद्धि को समर्थन देने के साथ ही मुद्रास्फीति लगातार तय लक्ष्य के करीब पहुंचे. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट इसके केंद्रीय निदेशक मंडल की एक वैधानिक रिपोर्ट है. रिपोर्ट के मुताबिक, 'एक स्थिर विनिमय दर और एक सामान्य मानसून के साथ, अगर अल नीनो घटना नहीं होती है, तो मुद्रास्फीति के 2023-24 में नीचे जाने की उम्मीद है. थोक महंगाई दर के घटकर 5.2 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत थी.'
चालू खाता घाटा सीमित रहने की उम्मीद
वाह्य क्षेत्र के बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा कि सेवाओं के मजबूत निर्यात और आयातित वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण चालू खाता घाटा (सीएडी) सीमित रहने की उम्मीद है. आरबीआई ने कहा, 'वैश्विक अनिश्‍च‍ितताओं के बने रहने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) प्रवाह अस्थिर रह सकता है.' आरबीआई ने कहा कि वह खुदरा और थोक स्तर पर चल रही केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की पायलट परियोजनाओं का विस्तार करेगा.

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