प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सरकार को 9 साल पूरे होने वाले है. इस दौरान जहां विदेश में कई तरह की नीतियों में बदलाव हुआ. वहीं आम जनता के लिए भी कई फैसले किए गए. टैक्स के मोर्चे पर भी इन 9 सालों में एक दो नहीं बल्कि पूरे 28 बदलाव किए गए. इन बदलावों का सीधा असर आम लोगों के जीवन पर भी देखने को मिला.
2014 में मोदी सरकार के आने बाद जब देश का पहला केंद्रीय बजट पेश किया गया, तब पर्सनल इनकम टैक्स छूट (income tax exemption) की सीमा को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया गया था. सीनियर सिटीजन के लिए छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई है. धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दिया गया, जबकि होम लोन पर ब्याज की कटौती की सीमा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई.
इनकम टैक्स नियमों में हुए ये बड़े बदलाव
- आम जनता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (insurance premium) पर कटौती की सीमा 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपए की गई.
- सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती की सीमा को 20,000 रुपए से बढ़ाकर 30,000 रुपए कर दिया गया.
- ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस छूट भी 800 रुपए से बढ़ाकर 1,600 रुपए प्रति माह कर दी गई.
- धारा 80 सीसीडी के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत योगदान के लिए 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती की सुविधा दी गई.
- 1 करोड़ रुपए से अधिक की इनकम पर ओवरलोड 10% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया.
- धारा 87A के तहत सालाना 5 लाख रुपए से कम इनकम वाले लोगों के लिए टैक्स छूट को 2,000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया.
- धारा 80GG के तहत भुगतान किए गए किराए पर कटौती की सीमा भी 24,000 रुपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर 60,000 रुपए प्रति वर्ष कर दी गई.
- 1 करोड़ रुपए से अधिक की इनकम पर अधिभार 12% से बढ़ाकर 15% किया गया.
- बजट ने सालाना 10 लाख रुपए से अधिक के लाभांश पर 10% इनकम टैक्स भी लगाया.
- टैक्स की दर 2.5 लाख – 5 लाख ब्रैकेट में 10% से घटाकर 5% कर दी गई.
- वित्त मंत्री ने धारा 87ए के तहत टैक्स छूट को 5,000 रुपए से घटाकर 2,500 रुपए कर दिया, जो उन टैक्सपेयर्स पर लागू होता है जिनकी वार्षिक आय 3.5 लाख रुपए तक है.
- 50 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए के बीच वार्षिक टैक्स योग्य आय वाले लोगों पर 10% का अधिभार लगाया गया.
- ट्रैवल अलाउंस में मौजूदा छूट और विविध चिकित्सा खर्चों के बदले में 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन
- सीनियम सिटीजन के लिए इलाज खर्च के लिए कटौती को 30,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया.
- सीनियम सिटीजन के मामले में बैंकों और डाकघरों में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज से आय के लिए कटौती को 10,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया. साथ ही 50,000 रुपए तक की ब्याज आय के लिए टैक्स कटौती से छूट दी गई.
- चुनावी साल में अंतरिम बजट मध्यम वर्ग के लिए अच्छी खबर लेकर आया. 5 लाख रुपए से कम आय वालों को शून्य कर चुकाना पड़ा.
- वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया.
- सरकार ने नए टैक्स स्लैब पेश किए. नई टैक्स व्यवस्था वैकल्पिक थी और टैक्सपेयर्स को छूट और कटौती के साथ ओल्ड टैक्स रिजीम में रहने या उन छूटों के बिना नई कम टैक्स दर का विकल्प चुनने का विकल्प दिया गया था.
- बजट 2020 में नए टैक्स स्लैब की घोषणा की गई थी. टैक्सपेयर्स को छूट और कटौती के साथ पुरानी व्यवस्था में रहने या उन छूटों के बिना नई कम टैक्स दर का विकल्प चुनने का विकल्प दिया गया था.
- 5 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया गया.
- अगर एनपीएस, सुपरएनुएशन फंड और ईपीएफ के लिए एम्प्लॉयर का योगदान एक साल में 7.5 लाख रुपए से अधिक है, तो यह कर्मचारी के लिए टैक्स योग्य होगा.
- पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म, आयकर रिटर्न न भरने वालों के लिए सोर्स पर सबसे ज्यादा टैक्स कटौती (टीडीएस) और टीडीएस से आरईआईटी/इनविट को लाभांश भुगतान की छूट आदि शामिल हैं.
- पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब या दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. सरकार ने फाइल किए गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) में चूक को ठीक करने के लिए एक और मौका दिया. वित्त मंत्री ने नए टैक्स का ऐलान किया.
- टैक्सपेयर्स के लिए नियम जहां एक करदाता निर्धारण वर्ष के अंत से दो साल के भीतर करों के भुगतान पर एक अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकता है.
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस में योगदान के लिए टैक्स कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की गई.
- इस साल 2023 में, 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी आयकर नियमों में कई बदलाव हुए. इनकम टैक्स स्लैब में टैक्स छूट की सीमा में बदलाव, कुछ डेट म्यूचुअल फंड पर कोई एलटीसीजी टैक्स छूट नहीं, 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी कुछ प्रमुख बदलाव हैं.
- नई आयकर व्यवस्था के तहत लोगों के लिए लागू 7 लाख रुपए तक की वार्षिक आय के लिए छूट का विस्तार किया गया.
- नए आयकर स्लैब के तहत 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी पेश किया गया.
Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : Rekha Joshi Fri, May 26, 2023, 05:10