Wrestler Bajrang Punia: पूनिया का छलका दर्द, कहा- लगा था कि हम पदक लाए हैं, हमारी बात सुनी जाएगी

Fri, May 26, 2023, 10:39

Source : Hamara Mahanagar Desk

देश में दो तरह के कानून हैं- बजरंग पुनिया
नई दिल्ली.
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरने पर बैठे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया (Olympic medalist wrestler Bajrang Punia) का दर्द उस वक्त छलक आया, जब उन्होंने जंतर-मंतर पर दूसरे लोगों को धरने पर बैठे हुए देखा. बातचीत करते हुए कहा कि दुनिया में और भी लोग दुखी हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा ‘हमें ये कभी भी नहीं लगा था कि हमारे इतने सारे मेडल जीतने के बावजूद हमारी आवाज नहीं सुनी जाएगी. हालांकि हकीकत कुछ और ही है.’
दुनिया में केवल आपका ही दुख नहींः बजरंग पुनिया
जंतर-मंतर पर लोग अपनी-अपनी मांगों को लेकर धूप-बारिश में बैठे हुए हैं. जिनमें मणिपुर के मैतई समुदाय (Manipur's Meitai community) के लोग भी हिंसा के विरोध में बैठे हुए हैं. वहीं कुछ लोग बेरोजगारी की समस्या को लेकर बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि कभी-कभी आपको एहसास होता है कि इस दुनिया में केवल आपका ही दुःख नहीं है. ऐसे कई लोग हैं, जो ज्यादा और लंबे समय तक पीड़ित हैं.
हम जानते हैं, हम किसके खिलाफ हैंः पुनिया
बजरंग पुनिया ने अपने विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा, ‘हम जानते हैं कि हम किसके खिलाफ हैं. लेकिन हम डरते नहीं हैं.’ पुनिया ने ये भी बताया कि जब दिसंबर में उन्होंने विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ विरोध प्रदर्शन का फैसला किया था तो आगे की सभी संभावनाओं के बारे में सोचा था. लेकिन जिस तरह से अब चीजें सामने आ रही हैं. वो उनके दायरे बाहर हैं.
संकल्प मजबूत हो तो डरने की गुंजाइश नहींः बजरंग पुनिया
करीब पिछले 33 दिन से धरने पर बैठे बजरंग पुनिया ने कहा कि हम जानते थे कि हमारा करियर खत्म हो सकता है. हम जानते थे कि कोचिंग या प्रशासन जैसे करियर के बाद विकल्प हमारे लिए उपलब्ध नहीं हो सकते हैं. हम जानते थे कि हमें झूठे मामलों में फंसाया जा सकता है. लेकिन जब कारण वास्तविक हो और संकल्प मजबूत हो तो डरने की कोई गुंजाइश नहीं होती. यह एक आसान फैसला नहीं था. लेकिन एक बार जब हमने मन बना लिया तो कोई दूसरा विचार नहीं था.
हमने नहीं सोचा था कि यह विरोध इतना लंबा चलेगाः बजरंग पुनिया
इसके अलावा उन्होंने कहा, “फिर भी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह विरोध इतना लंबा चलेगा. हमने सोचा कि चूंकि हम अंतरराष्ट्रीय एथलीट हैं, इसलिए सरकार हमारी बात सुनेगी. हमारे लिए अपने करियर को जोखिम में डालने का पूरा बिंदु यही था. दुख होता है कि हमें ठंड में छोड़ दिया गया है. लेकिन हम पहलवान हैं, बिना लड़े हारे नहीं. मुझे वास्तव में लगता है कि इस देश में दो तरह के कानून हैं, एक आम लोगों के लिए और दूसरा सिंह जैसे शक्तिशाली लोगों के लिए.

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