पीएम मोदी ने खत्म किया खिलाड़ियों का डर, वो क्रांतिकारी स्कीम, जिसने बदल दी एथलीट्स की जिंदगी

Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : Rekha Joshi    Thu, May 25, 2023, 05:31



नई दिल्ली. टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics), जिसे पूरा हिन्दुस्तान सालों तक याद रखेगा. टोक्यो में भारत ने सबसे ज्यादा 7 मेडल जीते थे. इसी ओलिंपिक में भारत ने इतिहास में पहली बार एथलेटिक्स में गोल्ड जीता था. नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया था. टोक्यो से पहले लंदन ओंलिपिक हमारा बेस्ट था, जहां भारत ने 6 मेडल जीते, मगर टोक्यो में भारत इस नंबर को पार कर गया. भारतीय खिलाड़ियों का टॉप पर पहुंचने का सफर जारी है. टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने रेसलिंग, मैंस हॉकी, बैडमिंटन, एथलेटिक्स सहित 6 अलग-अलग खेलों में 7 मेडल जीते. 7 खिलाड़ियों ने अलग अलग खेलों में भारत का परचम लहराया, मगर इसके बावजूद सभी में एक बात कॉमन थी और वो है TOPS यानी टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम(Olympic Podium Scheme).
टोक्यो में मेडल जीतने वाले सभी भारतीय खिलाड़ी इस स्कीम का हिस्सा थे. भारतीय खिलाड़ी आज दुनिया में अपना दम दिखा रहे हैं, उन खेलों में भी चुनौती दे रहे हैं, जिसमें एक समय भारतीय चुनौती को हल्के में लिया जाता था, मगर आज दुनिया के दिग्गज भारतीय चुनौती से खौफ खा रहे हैं. खिलाड़ियों को उस मुकाम तक पहुंचाने में टॉप्स ने बहुत बड़ा रोल निभाया.

2014 में शुरू हुई थी TOPS स्कीम
टॉप्स पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की सरकार की वो क्रांतिकारी स्कीम है, जिसे 2014 में शुरू किया गया था. इस स्कीम के आने के बाद तो एथलीट्स की जिंदगी ही बदल गई. इस स्कीम ने भारतीय खिलाड़ियों को फाइनेंशियल, बेहतर सुविधा, खेल के सामान और महीने के अलाउंस जैसी 4 टेंशन से फ्री कर दिया. इस स्कीम के जरिए केन्द्र सरकार खिलाड़ियों को फाइनेंशियल (financial) मदद करने के साथ ही ओलिंपिक में पोडियम तक पहुंचाने के लिए बाकी जरूरत भी पूरी कर रही है.

कोर और डवलपमेंट में खिलाड़ी
टॉप्स के जरिए खिलाड़ियों को वर्ल्ड क्लास सुविधा के साथ बेहतरीन कोचेज के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिलता है. खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए खेल से जुड़े सामान भी मिलते हैं. टॉप्स एलीट एथलीट कमिटी खिलाड़ियों और पैरा एथलीट को इस स्कीम के लिए चुनती है. फिलहाल इसमें 270 खिलाड़ी हैं, जिनमें से 101 कोर और 169 डवलपमेंट में हैं. टॉप्स में चुने खिलाड़ियों पर और अधिक ध्यान देने, उनकी मदद करने के लिए एक मिशन ओलिंपिक सेल भी है.

ओलिंपिक पोडियम तक पहुंचे खिलाड़ी
टॉप्स के कई खिलाड़ियों ने दुनियाभर में डंका बजाया. पीवी सिंधु, साक्षी मलिक ने इस स्कीम में शामिल होने के बाद 2016 रियो ओलिंपिक में मेडल जीता था. 2016 पैरालिपिंक गेम्स में टॉप्स एथलीट्स ने 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था. टोक्यो ओलिंपिक में टॉप्स की नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू, पीवी सिंंधु, लवलीना बोरेगोहन, बजरंग पूनिया ने इतिहास रच दिया था.

टॉप्स स्कीम और मिशन ओलिपिंक सेल इस तरह से खिलाड़ियों की करता है मदद

  • वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ बेहतरीन कोच से ट्रेनिंग में मदद
  • इंटरनेशनल स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेने में मदद
  • खेल से जुड़े सामान और उपकरण की सुविधा
  • फिजिकल ट्रेनर, स्पोर्ट्स साइकॉलोजिस्ट, मेंटल ट्रेनर और फिजियोथैरेपिस्ट जैसे सपोर्ट स्टाफ या निजी स्टाफ की सुविधा भी देती है
  • एथलीट्स को हर महीने करीब 50 हजार रुपये का अलाउंस भी देती है.


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