शवों के बोझ से दबे अस्पतालों के शवगृह 

Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : Rekha Joshi    Sat, Mar 25, 2023, 07:42



डॉक्टरों पर पड़ रहा है अतिरिक्त काम का प्रेशर 
जल्द होगी डॉक्टरों की नियुक्ति  
मुंबई:
गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुंबई के पांच महत्वपूर्ण अस्पतालों में पोस्टमार्टम (post mortem) करने वाले डॉक्टरों की संख्या कम है और इससे सेवा में कार्यरत डॉक्टरों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है. साथ ही, इनमें से कुछ अस्पतालों में बड़ी संख्या में शव पोस्टमार्टम के लिए आ रहे हैं लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शव मिलने में देरी होती है. इस मामले को ध्यान में रखते हुए शवगृहों(mortuary) में डॉक्टरों के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर एक माह के भीतर भरने का निर्णय लिया गया है. इस बात की जानकारी फॉरेंसिक मेडिसिन एडवाइजरी विभाग (Forensic Medicine Advisory Department) के पुलिस सर्जन डाॅ. कपिल पाटिल (Dr. Kapil Patil) ने दी। मुंबई के पांच अस्पतालों के शवगृह पर राज्य के गृह विभाग का नियंत्रण है. इनमें जेजे, राजावाड़ी, भगवती, कूपर और सिद्धार्थ अस्पताल शामिल हैं। इन शवगृहों में पोस्टमार्टम के लिए चार-चार चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। इस हिसाब से पांच शवगृह में कुल 20 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से पांच पद रिक्त हैं। राजावाड़ी अस्पताल से दो, जे.जे. अस्पताल, सिद्धार्थ अस्पताल और कूपर अस्पताल में एक-एक पद खाली है। पिछले दो-तीन साल से कोई डॉक्टर काम पर नहीं आया है। ऐसे में छह पदों का बोझ दूसरे डॉक्टरों पर पड़ रहा है। इसमें जे.जे. अस्पताल, राजावाड़ी अस्पताल और भगवती अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शवों की संख्या अधिक है। गृह विभाग ने इस मुर्दाघर में पोस्टमार्टम का बोझ कम करने के लिए वहां कुछ डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति कर स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया. हालांकि डॉक्टरों के कार्यभार को देखते हुए पांच खाली पदों को अगले माह भरा जाएगा और इस संबंध में प्रक्रिया अंतिम चरण में है। डॉ. कपिल पाटिल ने बताया कि इन पदों को संविदा के आधार पर भरा जाएगा। 


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