3 दिनों में 6 बार कांपी धरती
दिल्ली: देश के अलग-अलग जगहों पर पिछले तीन दिनों में छह से अधिक भूकंप (earthquakes) के झटके आए हैं. ताजा भूकंप आज यानि शुक्रवार को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आया. मध्य प्रदेश में इन झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल (Richter scale) पर लगभग 4 आंकी गई है. इससे पहले दिल्ली और मणिपुर में भी भूकंप के कई झटके महसूस किए गए थे, ऐसे में सवाल है कि आखिर भूकंप के ये झटके क्यों आते हैं.
भूकंप के झटकों (earthquake tremors) के विज्ञान को समझने के लिए पहले धरती के नीचे मौजूद प्लेटों की संरचना के बारे में जानना होगा. भू-वैज्ञानिकों (geologists) के मुताबिक, धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. जब यही प्लेटें टकराती हैं तो इनमें से ऊर्जा निकलती है. इसी प्रक्रिया को भूकंप कहा जाता है.बता दें कि ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. लेकिन, देखा गया है किहर साल 4-5 मिमी अपनी जगह से शिफ्ट कर जाती हैं. इस प्रक्रिया के दौरान कोई प्लेट नीचे से खिसक जाती है.
पृथ्वी के नीचे जहां पर चट्टानें टकराती हैं, उस जगह को विज्ञान में भूकंप का केंद्र या फोकस कहा जाता है. यही से भूकंप की ऊर्जा तरंगों के रूप में निकलती हैं, जिससे कंपन होता है. विज्ञान की आसान भाषा में इसे समझें तो पृथ्वी के केंद्र को भूकंप के केंद्र से जोड़ने वाली रेखा, जिस जगह पर पृथ्वी की सतह को भेदती है. वहीं, भूकंप का एपिक सेंटर होता है.
क्यों आता है भूकंप
वैज्ञानिकों की मानें तो धरती के नीचे स्थित चट्टानों पर बहुत प्रेशर होता है. लेकिन, यह प्रेशर जब एक लिमिट से ज्यादा हो जाता है तो चट्टानें अचानक से टूट जाती हैं. चट्टानें किसी कमजोर सतह के पैरलल टूटती हैं . इन चट्टानों को फॉल्ट भी कहा जाता है. वैसे देखा जाए तो हमारी धरती कुल सात भूखंडों से मिलकर बनी है. इन भूखंडों को अफ्रीकी भूखंड, अन्टार्कटिक भूखंड और उत्तर अमेरिकी भूखंड शामिल है. साथ ही अन्य दो में प्रशान्त महासागरीय भूखंड, दक्षिण अमेरिकी भूखंड है.
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Fri, Mar 24, 2023, 01:30