पुरानी पेंशन योजना लागू को लेकर सरकार सकरात्मक - देवेंद्र फणडवीस 

Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : Rekha Joshi    Wed, Jan 25, 2023, 09:11



सीएम के बाद डिप्टी सीएम ने दिया पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर बयान 
फडणवीस के बयान पर राजनीतिक घमासान 
मुंबई।
राज्य की ग्रेजुएट और शिक्षक मतदार संघ पर होने वाले चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से चुनाव प्रचार जोर -शोर में शुरू है.इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fandavis) ने बड़ा बयान दिया है.बुधवार को औरंगाबाद चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए सरकार सकरात्मक है.इस योजना को राज्य में  दोबारा शुरू करने पर राज्य सरकार पर  8 साल में करीब ढाई लाख करोड़ रुपए का भार बढ़ेगा, इसलिए  कुछ अलग सोचना होगा. उन्होंने कहा कि  हम पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने को लेकर नकारात्मक नहीं हैं. वर्षो से शिक्षक यह मांग कर रहे हैविपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना विपक्ष ने सत्ता में रहते हुए इसलिए नहीं शुरू किया क्योंकि सरकार के खजाने पर 2.5 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता।
शिक्षकों को जल्द मिलेगी खुशखबरी?
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) शुरू करने को लेकर सरकार को सकरात्मक बताया है.इस बीच दोनों नेताओं के बयान से राज्य के शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी है.पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए शिक्षक कई वर्षो के सरकार से मांग कर रहे है. अगर राज्य में यह योजना दोबारा लागु होती है तो लाखों की संख्या में शिक्षकों को फायदा होगा।
राजकोष पर अतिरिक्त बोझ
राज्य में करीब 16 लाख 10 हजार सरकारी कर्मचारी हैं। इन सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर राज्य सरकार को प्रति वर्ष 58 हजार करोड़ रुपए खर्च करने हैं। ऐसे में अगर पुरानी पेंशन योजना लागू होती है और इसे 2004 से लागू करने का फैसला किया जाता है तो राज्य सरकार के खजाने पर 50 से 55 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. साथ ही राज्य सरकार शिक्षकों की पेंशन पर 4 से 4.5 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय करेगी।
विधान परिषद चुनाव में शिक्षकों में भ्रम पैदा करने की फडणवीस की चाल- अतुल लोंढे
पुरानी पेंशन योजना को लागू  वाले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान पर विपक्षी दल कांग्रेस ने हमला बोला है. कांग्रेस प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अतुल लोढ़े ने कहा कि  राज्य में शुरू शिक्षक मतदार सीट के चुनाव में शिक्षकों को लुभाने और उनमे भ्रम पैदा करने के लिए सीएम और डिप्टी सीएम ने पुरानी पेंशन योजना शुरू करने के लिए यह  बात कर रहे है. अगर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर 'खतरा' है तो क्या देवेंद्र फडणवीस पांच साल मुख्यमंत्री रहते हुए क्या सो रहे थे. लोंढे ने कहा कि केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने ही पुरानी पेंशन योजना को बंद कर साल 2003 में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की थी। जबकि देवेंद्र फडणवीस इस पेंशन को बंद करने का ठीकरा कांग्रेस सरकार पर फोड़ कर झूठ फैला रहे हैं, हाल में नागपुर में विधान मंडल के  शीतकालीन सत्र में फडणवीस ने साफ कहा था कि सरकार के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर इस योजना को लागू किया गया तो सरकार दिवालिया हो जाएगी। अब इन खतरों के बीच फडणवीस के मन में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का प्रेम कैसे पैदा हो गया। कांग्रेस  प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी न केवल पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का समर्थन करती है, बल्कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू भी कर दिया गया है। राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू कर सकती है क्योंकि महाराष्ट्र एक उन्नत राज्य है। फडणवीस का यह दावा कि इस योजना के लागू होने से राज्य सरकार के खजाने पर भारी दबाव पड़ेगा, गलत है। लोंढे ने कहा कि लगता है कि सरकारी कर्मचारियों के बढ़ते दबाव और कांग्रेस शासित राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजनाओं को लागू करने से देवेंद्र फडणवीस की सोच बदली हुई नजर आ रही है।


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