हिमाचल में मतदाताओं को लुभाने बिना बजट प्रावधान के खोले गये संस्थान : सुखविंदर

Sun, Dec 25 , 2022, 09:40 AM

Source : Uni India

शिमला 25 दिसंबर (वार्ता)। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने रविवार को कहा कि राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में बिना बजटीय प्रावधान किये और आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती किये बिना मतदाताओं को लुभाने के लिए 590 से अधिक संस्थान खोले थे। श्री सुक्खू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार (BJP government) ने चुनाव के मद्देनजर अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीनों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संस्थानों को खोलने की होड़ लगाई जबकि इन सभी संस्थानों को क्रियाशील बनाने के लिए लगभग 3000 करोड़ रूपयों की जरुरत थी। उन्होंने कहा कि यह अजीब बात है कि राज्य75 हजार करोड़ रुपये से अधिक के भारी वित्तीय कर्ज के जाल में फंस गया है तथा डबल इंजन की सरकार का दावा करने वाली भाजपा सरकार को अपने कार्यकाल में केंद्र से एक पैसे की भी मदद नहीं मिल सकी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली भाजपा सरकार ने 30 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले थे जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं थे और बड़ी संख्या में संस्थान केवल एक कर्मचारी के साथ खोले गए थे। यह अजीब बात है कि एसडीएम कार्यालय खुले हुए हैं और इन कार्यालयों में कोई एसडीएम तैनात नहीं है। अधिकांश संस्थानों में आस-पास के संस्थानों के कर्मचारियों को अस्थायी रूप से तैनात किया गया था, जो न केवल नए खुले कार्यालयों के लिए निरर्थक साबित हो रहा था, बल्कि पहले से मौजूद संस्थान के कामकाज में भी बाधा उत्पन्न कर रहा था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है और इन सभी की समीक्षा की जायेगी तथा व्यावहारिक पाये जाने पर उचित बजट प्रावधान करने के बाद खोला जायेगा।उन्होंने जोर दिया कि मौजूदा सरकार व्यवस्था में बदलाव के लिए है न कि सत्ता का आनंद लेने के लिए। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि संस्थान मांग के अनुसार और राज्य के लोगों के व्यापक हित में खोले जाएं।
उन्होंने कहा कि जेओए (आईटी) पेपर लीक मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से पता चलता है कि पेपर घोटाला भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जब भी इस तरह के कागजात हों तो पूरी तरह से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में सीमेंट संयंत्रों से संबंधित मुद्दे के बारे में चिंतित है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला सीमेंट प्लांट प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के बीच का है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के लोगों को सीमेंट सस्ती दरों पर उपलब्ध होगा।
अशोक

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