आघाड़ी सरकार के वक्त लिया गया फैसला: फडणवीस
अजित पवार का साफ इंकार, दिया बैठक का ब्यौरा
मुंबई। राज्य में कर्नाटक (Karnataka) से सीमा विवाद का मामला गरमाया हुआ है, ऐसे में राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन कर्नाटक बैंक में जमा करने के फैसले से नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दावा किया कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन कर्नाटक बैंक में जमा करने का निर्णय महाविकास आघाड़ी सरकार(Mahavikas Aghadi Government) के दौरान लिया गया था, लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने इससे साफ इंकार कर दिया।
कर्नाटक में महाराष्ट्र के वाहनों पर पथराव के बाद राज्य में सीमा विवाद उबाल पर है। कर्नाटक बैंक में राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन जमा करने के आदेश से विवाद पैदा हो गया। जब इस बारे में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह फैसला महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान लिया गया था।
गुरुवार शाम को महाविकास आघाड़ी के नेताओं की बैठक नेता प्रतिपक्ष अजित पवार के सरकारी आवास पर हुई। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में अजित पवार ने कहा कि झूठ बोलने की भी एक सीमा होती है। कर्नाटक बैंक में सरकारी कर्मचारियों का वेतन जमा करने के संदर्भ में एक प्रस्ताव 8 दिसंबर 2021 को पेश हुआ था, जिसे हमने ठुकरा दिया था। पवार ने उस बैठक का ब्यौरा पेश करते हुए यह खुलासा किया। बुधवार को सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन और पेंशन कर्नाटक बैंक में जमा करने का निर्णय लिया था।
शिंदे सरकार ने कर्नाटक बैंक सहित उत्कर्ष स्मॉल बैंक में वेतन की रकम जमा करने पर सहमति दी है। यह बैंक उत्तर प्रदेश की है और इसका मुख्यालय वाराणसी में है। हालांकि यह शोध का विषय है कि उत्कर्ष बैंक की महाराष्ट्र में कितनी शाखाएं हैं।
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Thu, Dec 08, 2022, 09:54