आधी हैं बिकने की कगार पर!
नयी दिल्ली। भारत सरकार की शेयर बाजार में लिस्टेड 10 कंपनियां (Listed PSU) ऐसी हैं, जिनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी सरकार के पास है. इसमें लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) से लेकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का नाम शामिल है. हालांकि इनमें से आधी कंपनी या उद्यम ऐसे हैं जो बिकने की कगार पर हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में…
किस कंपनी में सरकार की कितनी हिस्सेदारी
90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी वाली सरकारी कंपनियों में टॉप पर KIOCL Ltd. है. इसमें सरकार की 99.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके बाद Punjab & Sindh Bank है, जिसमें सरकार की 98.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके बाद नंबर आता है LIC का, पिछले साल IPO लाने के बाद इसमें सरकार की 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बची है.
बाकी कंपनियों में क्रमश: इंडियन ओवरसीज बैंक (96.38 प्रतिशत), यूको बैंक (95.39 प्रतिशत), स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड (93.87 प्रतिशत), एचएमटी लिमिटेड (93.68 प्रतिशत), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (93.08 प्रतिशत), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (90.97 प्रतिशत) और आईटीआई लिमिटेड (90.06 प्रतिशत)है.
आमतौर पर उन कंपनियों को निवेश के लिए बेहतर माना जाता है, जिनमें प्रमोटर की हिस्सेदारी अधिक होती है. ऐसी कंपनियों को बाजार के उतार-चढ़ाव के समय सुरक्षित निवेश वाला माना जाता है. हालांकि सरकार की इन कंपनियों में से आधे बिकने की कगार पर हैं.
ये हैं बिकने की कगार पर
सरकार की इन 10 लिस्टेड कंपनियों में से जहां कुछ बंद हो चुकी हैं, वहीं कुछ बिकने की कगार पर हैं. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का लक्ष्य रखा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का नाम की चर्चा सबसे ऊपर है.
वहीं सरकार की स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड बंद हो चुकी है. सरकार लंबे समय से इसके प्राइवेटाइजेशन को लेकर प्रयासरत है. लखनऊ स्थित स्कूटर इंडिया की प्रॉपर्टी और संपत्ति का सरकार आकलन कर रही है. जबकि भाजपा के राज्यसभा सदस्य अशोक वाजपेयी ने सदन में स्कूटर इंडिया की संपत्ति का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक स्कूटर, थ्री-व्हीलर्स के विनिर्माण के लिए करने की मांग रखी थी. एचएमटी लिमिटेड की कई सब्सिडयरी कंपनियों को बंद किया जा चुका है, जिसमें एचएमटी वाचेस लिमिटेड प्रमुख है.
इसके अलावा ईटी की एक खबर के मुताबिक मीडियम लेवल के बैंकों में सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र में रणनीतिक विनिवेश को लेकर भी प्लान कर रही है. हालांकि इन सभी को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है.
वहीं शेयर बाजार (Share Market) में लिस्टेड होने के बाद सरकार को LIC में भी सरकार को अपनी हिस्सेदारी कम करनी होगी. जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी वाले IDBI Bank में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने को प्रयासरत है. वित्त वर्ष 2022-23 सरकार ने विनिवेश के लिए 65,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है.
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Mon, Dec 05, 2022, 04:53