भोपाल, 25 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के तीसरे दिन आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, जब कमलनाथ के पूर्व मीडिया समन्वयक नरेंद्र सिंह सलूजा (Narendra Singh Saluja) आज यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
सलूजा ने अपने सबसे पहले बयान में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के लिए कमलनाथ को दोषी बताकर सनसनी फैला दी है। उन्होंने कहा कि वे कई वर्षों से कमलनाथ से जुड़े हुए हैं। पिछले पांच वर्षों से उनके मीडिया समन्वयक के तौर पर भी कार्य कर रहे थे। तब उनसे अनेक लोग कहते थे कि उन्हें कमलनाथ का साथ नहीं देना चाहिए। वे सिख विरोधी दंगों के दोषी हैं। उन्होंने सिखों के खिलाफ भीड़ का नेतृत्व किया है। शुरूआत में तो वे मानते थे कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, लेकिन हाल ही में एक कीर्तनकार द्वारा सच्चायी बताए जाने के बाद से उनका मन परिवर्तित हुआ है।
सलूजा ने कहा कि पहले वे ये सब बातें सत्य नहीं मानते थे। लेकिन हाल ही में जब इंदौर में 08 नवंबर को खालसा कॉलेज में कमलनाथ के सार्वजनिक सम्मान के बाद प्रसिद्ध कीर्तनकार मंजीत सिंह कानपुरी ने मंच से ही कमलनाथ का विरोध किया और उनके बारे में सच्चायी बतायी, तो उनका मन और दिल कांग्रेस व कमलनाथ से टूट गया। उस दिन से उन्होंने कमलनाथ से न तो बात की और न ही उनके संबंध में कोई बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अब वे कमलनाथ के खिलाफ पूरे प्रदेश में सिख समुदाय काे एकजुट करेंगे और उनके बारे में सच्चायी बताएंगे।
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लाेकेंद्र पाराशर और वन मंत्री विजय शाह की मौजूदगी में सलूजा ने मीडिया से कहा कि वे राहुल गांधी से भी कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। गांधी भारत जोड़ाे यात्रा पर निकले हैं, लेकिन वे अपने साथ कमलनाथ को भी रखे हुए हैं, जिन्होंने दिल्ली में रकाबगंज गुरुद्वारे के पास सिखों के खिलाफ भीड़ का नेतृत्व किया था। सलूजा ने कहा कि इंदौर के खालसा कॉलेज विवाद के बाद उन्हें सच्चायी का पता चला और वे तब से कमलनाथ के संपर्क में नहीं हैं।
सलूजा ने कहा कि दरअसल 08 नवंबर की घटना के बाद उनपर दबाव डाला गया था कि वे कमलनाथ के खिलाफ बयानबाजी करने वाले कीर्तनकार के विरोध में बयान दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। क्योंकि अनेक सिख नेताओं ने उन्हें कमलनाथ के बारे में बताया है और वे सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार हैं। सलूजा ने कमलनाथ को उनके किए की सजा मिलना ही चाहिए।
एक सवाल के जवाब में सलूजा ने कहा कि वे भाजपा में बगैर शर्त आए हैं और उन्हें जो भी भूमिका दी जाएगी, उसका वे निर्वहन करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व की भी प्रशंसा की और कहा कि वे पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होकर पार्टी में आए हैं।
सलूजा मूल रूप से इंदौर निवासी हैं और वे राज्य में वर्ष 2018 मई जून में कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही प्रदेश के राजनैतिक पटल पर सामने आए थे। वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक के रूप में प्रारंभ से करते आ रहे हैं। कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान भी सलूजा ही उनका मीडिया संबंधी कार्य देखते थे। वे कमलनाथ को प्रत्येक वर्ष जन्मदिन पर सरोपा भी भेंट करते थे, लेकिन इस बार कमलनाथ से जन्मदिन पर उन्होंने मुलाकात भी नहीं की। पिछले कुछ दिनों से खबरें आ रही थीं कि कमलनाथ और सलूूजा के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
इस बीच राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा सलूजा का इस्तेमाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ एक प्रभावी 'हथियार' के रूप में कर सकती है। सलूजा के बहाने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी भाजपा प्रभावित कर सकती है।



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