नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) के साथ बजट-पूर्व बैठक (pre-budget meeting) में किसान संगठनों (farmer organizations) ने मंगलवार को सरकार से गेहूं, अन्य कृषि वस्तुओं पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का आग्रह करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम लागत वाले उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित करने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पामतेल के बजाय सोयाबीन, सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी जैसे स्थानीय तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. वित्त मंत्री के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान किसान संगठनों ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर ऊंचा कर लगाने का भी सुझाव दिया. वित्त मंत्री ने यहां कृषि विशेषज्ञों और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ अपनी तीसरी बजट-पूर्व परामर्श बैठक की अध्यक्षता की.
क्या है किसानों की मांगें
आम बजट 2023-24 (General Budget 2023-24) के लिए अपनी विश लिस्ट में भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने मांग की कि सरकार को जहां आयातित कमोडिटी की देश में आने की लागत एमएसपी से कम है, वहां ऐसी उपज के आयात की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उन्होंने केंद्र से कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन विकास पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया. जाखड़ ने किसानों को उच्चतम मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए खेतों से स्वैच्छिक कार्बन क्रेडिट का विश्वस्तर पर व्यापार करने की अनुमति देने की भी वकालत की.
बैठक में हिस्सा लेने वाले कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन (सीआईएफए) के अध्यक्ष रघुनाथ दादा पाटिल ने कहा कि गेहूं और टूटे चावल जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
पाटिल ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए. उनके अनुसार, निर्यात से केवल देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में ही सहायता मिलेगी. भारत ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए गेहूं और टूटे चावल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है. खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए पाटिल ने सुझाव दिया कि सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए. वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी, 2023 को अगला आम बजट पेश करेंगी.
कौन हुए बैठक में शामिल
इस बैठक में वीरेन के खोना, सचिव, अखिल भारतीय मसाला निर्यातक फोरम, (केरल); ए एस नैन, निदेशक, गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, (उत्तराखंड); हरीश चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, राज्य फल सब्जियां और फूल उत्पादक संघ (हिमाचल); और जेफरी रेबेलो, अध्यक्ष, यूपीएएसआई, (तमिलनाडु) ने भी हिस्सा लिया.
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Tue, Nov 22, 2022, 10:13