हिसार, 02 नवम्बर (वार्ता)। हरियाणा (Haryana) के हिसार जिले के आदमपुर विधानसभा उपचुनाव मतदान (Adampur assembly by-election voting) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। मतदान में मात्र कुछ ही घंटे शेष है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और विपक्षी कांग्रेस जहां इस उपचुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं चुनाव प्रचार के अंतिम समय में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने भी अपनी ताकत दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। राजनीतिक दलों के दावों के साथ जो तस्वीर निकलकर आ रही है और जनता में चर्चा चल रही है उसके अनुसार चुनाव प्रचार के अंंतिम दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जोरदार रैली से भाजपा-जजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई की स्थिति काफी मजबूत हुई है और आदमपुर हलके की फिजा बदल गई है। क्षेत्र की जनता अभी से सरकार में अपनी सांझेदारी को लेकर उत्साहित है। माना जा रहा है कि ‘भव्य’ को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा किया गया इशारा क्षेत्र में पूरा गुल खिला रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, उनके पुत्र एवं सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में ताबड़तोड़ प्रचार अभियान चलाया। हुड्डा पिता पुत्र ने जहां पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई पर हलके की समस्याओं और मांगों के प्रति सदैव निष्क्रिय रहने का आरोप जड़ते हुए उन्हें घेरने का प्रयास किया, वहीं प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने दलित विरोध के मुद्दे पर कुलदीप को घेरा। इसी तरह इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने अपने पुत्र के लिए सीट खाली करने के मसले पर कुलदीप को घेरा। ऐसे में विपक्ष ने कुलदीप को जमकर निशाना बनाया लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने आदमपुर मंडी में बड़ी रैली कर विपक्ष के सभी आरोपों को न केवल धो डाला बल्कि हुड्डा पिता पुत्र, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश को भी ऐसा निशाने पर लिया कि देर शाम तक खुद कांग्रेस ही बचाव की मुद्रा में आ गई।
मुख्यमंत्री ने भव्य का हाथ पकड़ कर जो अपील जनता से की, उसके आदमपुर हलके की जनता अलग ही मायने निकाल रही है। आदमपुर की इस समय सबसे बड़ी समस्या 26 साल का वनवास है और मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के साथ ही क्षेत्र की जनता को उम्मीद बंध गई है कि अब वनवास खत्म होने वाला है और वनवास खत्म होगा तो विकास और अन्य कार्य भी होंगे।
जनता में यह भी चर्चा है कि राज्य के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जनसभाओं के बाद जजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस अफवाहों के सहारे यह गुमराह करने का प्रयास कर रही थी जजपा कार्यकर्ता भव्य की मदद नहीं कर रहे हैं और जजपा का वोट कांग्रेस की तरफ जा रहा है, लेकिन दुष्यंत के संबोधन और भव्य को विधानसभा भेजने की अपील के बाद जजपा कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के समक्ष स्थिति स्प्ष्ट हो चुकी है और उनमें भी उत्साह देखा जा रहा है। जजपा कार्यकर्ताओं के खुल कर सामने आने से भी भव्य की स्थिति पहले सेे ज्यादा मजबूत समझी जा रही है।
कुलदीप बिश्नोई पर दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उन्हें लगातार निशाने पर ले रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री ने अपनी जनसभा में हुड्डा शासन में हुए मिर्चपुर कांड की याद दिलाकर कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में ला दिया। मिर्चपुर कांड के समय दलित बाप-बेटी की मौत हो गई थी और अनेक दलित परिवार गांव से पलायन कर हिसार में जाकर तम्बुओं में रहने लगे थे। प्रदेश में भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पार्टी नेता कृष्ण बेदी की मध्यस्थता के बाद मिर्चपुर के इन विस्थापितों को बसाया था।
मुख्यमंत्री की जनसभा के दौरान सत्तापक्ष भाजपा-जजपा गठबंधन कांग्रेस पर पूरा आक्रामक रहा। विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा ने हुड्डा के पिछड़ा वर्ग प्रेम की पोल खोलते हुये उन पर आरोप लगाया कि अपने शासनकाल में उन्होंने पिछड़ों को उनके हकों से वंचित किया और यहां तक अपमान किया कि योग्य उम्मीदवार न मिलने के कारण सीटें खाली छोड़ी गईं। उन्होंने दावा किया कि श्री हुड्डा ने दो दिन पहले पिछड़े वर्गों का सम्मेलन बुलाया लेकिन उसमें अपने कार्यकर्ता बुलाकर खाली कुर्सियां भरनी पड़ीं।
चुनाव प्रचार के दौरान इनेलो भी पूरी तरह से अपनी स्थिति मजबूत बनाने में जुटी रही। यूं कहा जाए कि नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से ही इनेलो लगातार कांग्रेस के अनेक नेताओं को ताेड़ कर उसे झटके दे रही है। इनेलो ने सबसे पहले तो कांग्रेस टिकट के दावेदार रहे बालसमंद निवासी कुरड़ाराम नंबरदार को अपनी तरफ मिलाकर कांग्रेस को झटका दिया। हलके के सबसे बड़े गांव से होने और इस क्षेत्र में उनका व्यापक प्रभाव होने के चलते इनेलो ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस के लिये यह किसी बड़े झटके से कम नहीं था। बताया जा रहा है कि इसी नुकसान को भांपते हुए जयप्रकाश का वीडियाे वायरल कराया जा रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि हम कुरड़ाराम को वापिस लेकर आएंगे। लेकिन इस पर पानी फेरते हुये रही सही कसर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बालसमंद में अभय चौटाला ने जनसभा कर पूरी कर दी, जिसके चलते बालसमंद क्षेत्र में कुरड़ाराम की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। बालसमंद गांव के वोटर भी मानने लगे हैं कि चाहे चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन वेे हर संघर्ष में उनके साथ रहने वाले कुरड़ाराम को ही वोट देंगे
कुल मिलाकर प्रचार के लगभग 15 दिनों के दौरान विभिन्न दलों का चुनाव अभियान जोरों पर रहा। ताबड़तोड़ रैलियों, जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं और अन्य प्रचार माध्यमों के चलते राजनीतिक दल मतदाताओं तक पहुंचे और अपनी अपनी स्थिति मजबूत होने का दावा किया। देखना है अब इस रण में कौन बाजी मारता है लेकिन सत्ता में वापसी की आस के चलते क्षेत्रवासी वनवास समाप्ति का दावा करने लगे हैं।



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Wed, Nov 02 , 2022, 06:26 AM