लखनऊ, 07 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों को पद से हटाने की प्रक्रिया काे जटिल करते हुए दो साल से पहले इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किये जा सकने की व्यवस्था को लागू किया है। योगी सरकार के अनुमाेदन पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल (Uttar Pradesh Governor) आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने इसके लिये कानून में बदलाव करने के मकसद से इस आशय का अध्यादेश जारी किया है। राज्यपाल की ओर से जारी अध्यादेश में उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 15 एवं 28 में संशोधन किया गया है।
इस अध्यादेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने गुरुवार को सभी जिलाें में पंचायती राज विभाग को संशोधित व्यवस्था लागू करने का निर्देश जारी किया है। अध्यादेश के मुताबिक नयी व्यवस्था के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध पद धारण करने के 2 साल से पहले अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकेगा। अभी तक यह अवधि एक वर्ष थी।
इसके अलावा बदली हुयी व्यवस्था में अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) के लिये संबद्ध सदन में दो तिहाई वोट की जरुरत होगी। अभी अविश्वास प्रस्ताव के लिये आधे से अधिक मतों की आवश्यकता होती थी। गौरतलब है कि राज्यपाल द्वारा जारी उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) अध्यादेश 2022 के लागू होने पर ब्लॉक प्रमुख एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया अब कठिन हाे जायेगी। योगी मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव पर पहले ही मंजूरी प्रदान कर दी थी।



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Fri, Oct 07 , 2022, 12:14 PM