Sarva Pitru Amavasya 2022 : सर्वपितृ अमावस्या आज, ना करें ये गलतियां

Sun, Sep 25, 2022, 09:31

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई, 25 सितंबर। 10 सितंबर को पूर्णिमा तिथि से शुरू हुआ श्राद्ध पक्ष आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) आज 25 सितंबर को समाप्त हो रहा है। ज्योतिष के मुताबिक, सर्व पितृ अमावस्या पर चंद्रमा, सिंह से निकलकर कन्या में प्रवेश करेंगे। इस दिन लक्ष्मी नारायण योग और बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। एक साथ कन्या राशि में 4 ग्रहों के गोचर का विशेष संयोग बन रहा है। आज 25 सितंबर को सुबह 6.20 बजे से 26 सितंबर को सुबह 5.56 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। साथ ही बुधादित्य योग और गुरु शक्ति का केंद्र त्रिकोण योग भी है। इन तीन संयोग में अर्पण-तर्पण करना फलदायी होगा। ज्योतिष के अनुसार, इस बार सर्व पितृ अमावस्या पर ग्रह, नक्षत्र, तिथि और वार से मिलकर चार शुभ संयोग बन रहे हैं।
59 वर्षों बाद पांच प्रबल राजयोग ज्योतिष के अनुसार, जब भी कोई ग्रह गोचर वक्री होता है अथवा वक्री होने के कारण एक ग्रह की दूसरे ग्रह से युति बनती है तो विशेष योगों का निर्माण होता है। जिसका सीधा प्रभाव मानव जीवन के साथ-साथ देश दुनिया पर भी पड़ता है। शनिवार को शुक्र ग्रह कन्या में गोचर करेंगे जहां बृहस्पति और शनि पहले से ही वक्री अवस्था में विराजमान हैं। साथ ही बुध भी उच्च का होकर वक्री स्थिति में बैठा है जो विभिन्न राजयोगों जैसे नीचभंग राजयोग, बुधादित्य राजयोग, भद्र राजयोग और हंस पंच राजयोग (Raja Yoga) का निर्माण कर रहा है।
इन पितरों का करें श्राद्ध- सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) पर केवल उन्हीं पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि हम भूल चुके हैं या फिर उनका देहांत अमावस्या तिथि पर हुआ है। अन्यथा अपने पितरों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि के आधार पर करना ही उचित होता है।
किसी को खाली हाथ ना भेजें- सर्वपितृ अमावस्या के दिन अगर कोई दान-दक्षिणा लेने आपके द्वार पर आए तो उसे कभी खाली हाथ न जाने दें। आपकी ये छोटी सी गलती पितरों को नाराज कर सकती है। अपनी क्षमता के अनुसार ऐसे लोगों को कुछ न कुछ जरूर देना चाहिए। ऐसे में आटा, चावल या तिल का दान करना बहुत शुभ समझा जाता है।
किसी का अपमान ना करें- पितृ अमावस्या के दिन किसी गरीब और असहाय को प्रताड़ित करने की गलती भी ना करें। इन्हें परेशान करके आप पाप के भागीदार बनेंगे और पितरों के आशीर्वाद से भी वंचित रह जाएंगे। इस दिन किसी को अपशब्द न कहें और न ही किसी का अपमान करें. इसके अलावा, इस दिन गाय, कुत्ता, कौवा या चींटी जैसे जीवों को नुकसान न पहुंचाएं।
क्या ना खाएं और क्या खाएं- सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंडा, मांस, मछली या मदिरा पान के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा लहसुन, प्याज या तामसिक भोजन खाने से भी बचना चाहिए। इस दिन मसूर की दाल, अलसी, धतूरा, कुलथी आदि का ही सेवन करें. इस दिन साधारण और सात्विक भोजन ही करें।

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