नयी दिल्ली 07 जून (वार्ता)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कांग्रेस (Congress) की पूर्ववर्ती सरकारों पर आदिवासी समुदाय की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि इनके विकास पर समुचित ध्यान नहीं दिया गया। श्री शाह ने मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करते हुए इसकी तुलना योजना आयोग से की और कहा कि आदिवासी समाज के विकास में इसकी भूमिका वही होगी जैसी योजना आयोग की देश (Country) के विकास में रही है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान देश के दो दर्जन से भी अधिक जनजातीय अनुसंधान संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ते हुए एक सूत्र में बांधने का काम करेगा तथा इसके दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की नीतियों में आदिवासी समुदायों की उपेक्षा की गयी और उन्हें विकास की धारा से दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार (Modi government) ने आदिवासी समुदाय तथा क्षेत्रों के लिए बजट में कई गुना बढोतरी करते हुए 150 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार ने इस समुदाय पर समुचित ध्यान दिया होता तो आज इस तरह का संस्थान बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। श्री शाह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी आदिवासी समाज के विकास के लिए अनेक काम किये थे और अब राष्ट्रीय स्तर पर भी देश की आठ फीसदी आबादी वाले जनजातीय समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए उन्होंने इस संस्थान की कल्पना की। प्रधानमंत्री (Prime minister) ने राष्ट्रीय स्तर पर भी इस दिशा में कदम उठाते हुए आठ फीसदी आबादी वाले जनजातीय समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए इस संस्थान की कल्पना की थी और आज इसका उद्घाटन किया गया है। श्री शाह ने कहा कि पिछले वर्ष मोदी सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस की घोषणा की और उसे मूर्त रूप दिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय परंपराओं और कानूनों का नये कानूनों के साथ सामंजस्य किये बिना इस समाज का विकास नहीं हो सकता और यह संस्थान इस दिशा में काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान समग्र जनजातीय समाज के विकास का खाका खींचने का काम भी करेगा और इसके विकास की रीढ बनेगा। संस्थान विभिन्न जनजातीय संस्थानों के कर्मचारियों के प्रशिक्षण , संस्थानों के बीच तालमेल , जनजातीय संग्रहालयों के रख रखाव के साथ साथ राज्य सरकारों के साथ भी तालमेल करेगा। उन्होंने कहा कि करीब दस करोड़ रूपये की लागत से इस संस्थान की शुरूआत हो रही है और यह राष्ट्रीय नोडल एजेन्सी के रूप में राष्ट्रीय ज्ञान केन्द्र का काम करते हुए आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण भी करेगा। उन्होंने कहा कि इसका क्षेत्राधिकार बहुत व्यापक है और यह केवल एक संस्थान नहीं है बल्कि मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासी समाज को स्वच्छ जल , शौचालय, स्वास्थ्य कार्ड, आवास और किसान निधि की सुविधा प्रदान की है। सरकार ने अनेक जनजातीय समस्याओं का पिछले आठ वर्षों में समाधान किया । पूर्वोत्तर क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के साथ सरकार ने अनेक समझौते किये जिसके परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर के 66 प्रतिशत क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम अफ्सपा को हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी युवाओं को खेलों की मुख्यधारा से जाेड़ा जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि आदिवासी युवा ही सबसे अधिक पदक ला सकते हैं।
पिछले आठ वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में आये बदलाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 2006 से 2014 के बीच केन्द्र में शासन के दौरान पूर्वोत्तर में छोटी बड़ी 8700 घटनाएं हुई जबकि भाजपा के आठ वर्ष के शासन में केवल 1700 घटनाएं हुई हैं। विभिन्न घटनाओं में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 304 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे जबकि भाजपा के शासन में केवल 87 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। नागरिकों की मृत्यु के मामले में यह आंकड़ा 1990 था जो अब केवल 217 है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पूर्वोत्तर में कितना बड़ा बदलाव आया है। वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में इसकी संख्या 2258 थी जो अब 509 तक रह गयी हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में भी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आयी है।
इस अवसर पर जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू , जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता तथा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।



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Tue, Jun 07 , 2022, 02:48 AM