लखनऊ, 27 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video conferencing) के माध्यम से मण्डल, जिला, तहसील एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के साथ विकास कार्यों, कानून-व्यवस्था और अन्य विषयों के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को शासन की नीतियों का समुचित लाभ दिलाने, राज्य के समग्र विकास और प्रदेश की छवि बदलने में फील्ड में तैनात अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विगत 05 वर्षों में हमने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। हमें एक बीमारू प्रदेश मिला था, स्थिति बिगड़ी हुई थी, अराजकता थी, दंगों की संस्कृति थी। टीम यूपी ने लगातार प्रयास कर एक नई कार्य संस्कृति तैयार किया। हमने साबित किया कि उत्तर प्रदेश दंगामुक्त हो सकता है। साम्प्रदायिक सौहार्द का उदाहरण बन सकता है। यह बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दिनों रामनवमी के पर्व पर जिस प्रकार शांति और सौहार्द का माहौल रहा, वह नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन रहा है। हालांकि कुछ अराजक तत्वों/संगठनों ने हनुमत जयंती पर कुछ गड़बड़ी की कोशिश की थी, उन्हें यथोचित जवाब दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आस्था का पूरा सम्मान है। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है लेकिन इसका सार्वजनिक रूप से भौंड़ा प्रदर्शन कर दूसरों को परेशान किया जाए, यह स्वीकार्य नहीं है। आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया और ईद का पर्व एक साथ सम्भावित है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है। पर्व एवं त्योहारों के दृष्टिगत साफ-सफाई, पेयजल व विद्युत आपूर्ति सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का बड़ा महत्व है। संवाद के माध्यम से ही हमने अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने में सफलता पायी है। लाउडस्पीकर की आवाज सम्बन्धित परिसर के भीतर ही रहेगी, सौहार्द के साथ हमने यह करके उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे में सभी धर्मगुरुओं और प्रबुद्ध जनों से संवाद बनाने का क्रम जारी रहे।
लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के प्रयोग के लिए जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर तत्काल उतार लिए जाएं। यह सुनिश्चित हो कि लाउडस्पीकर की आवाज़ उस परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीएम, सीओ, एसओ, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी आदि सभी अपनी तैनाती के क्षेत्र में ही रात्रि प्रवास करें। शासकीय आवास है, तो वहां रहें अथवा किराए का आवास लें, लेकिन रात्रि में अपने ही क्षेत्र में रहें। इस व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने ने कहा कि माह के प्रत्येक प्रथम व तृतीय शनिवार को तहसील दिवस का आयोजन किया जाए। दूसरे व चौथे शनिवार को थाना दिवस एवं ब्लॉक दिवस का आयोजन किया जाए। थाना दिवस का आयोजन थाने पर तथा ब्लॉक दिवस का आयोजन ब्लॉक कार्यालय पर किया जाए। ब्लॉक दिवस पर समस्त सम्बन्धित अधिकारी स्वयं उपस्थित रहकर विकास खण्ड से जुड़े प्रकरणों एवं समस्याओं का निस्तारण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी, कर्मचारी जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता दें। आमजन के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। यह ध्यान रखें कि आपका आचरण आमजन के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है। सोमवार से शुक्रवार तक जनहित से सीधे जुड़ाव रखने वाले कार्यालयों में हर दिन एक घण्टे की अवधि जनसुनवाई के लिए नियत है। इस अवधि में अधिकारी जनता से मिलें, शिकायतें, समस्याएं सुनें और मेरिट पर उनका निस्तारण करें। आईजीआरएस/सीएम हेल्पलाइन (IGRS / CM Helpline) जनता की समस्याओं के निदान का अच्छा माध्यम बन कर उभरा है। इसके प्रकरण लम्बित न रहें। इनकी हर कार्यालय में सतत् समीक्षा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं की सहज उपलब्धता के लिए ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेले’ सार्थक सिद्ध हो रहे हैं। प्रत्येक रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित होने वाले आरोग्य मेलों से अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शासकीय कार्यालय समय से खुलें। सभी अधिकारी और कर्मचारी समय से कार्यालय आएं और समय पर जाएं। अधिकारीगण कैम्प कार्यालय की प्रवृत्ति बंद करें। कार्यालयों में अनुशासन का माहौल बना रहे। लोक शिकायतों (Public complaints) का गुणवत्ता के आधार पर निस्तारण किया जाए। शासकीय कार्य वही करेगा, जिसे आवंटित है, जिसकी जिम्मेदारी है। ऐसी सूचना है कि कुछ लोग बाहरी लोगों को अनाधिकृत अधिकार दे रहे हैं। ऐसी हर घटना संज्ञेय अपराध मानी जाएगी। दलालों को सरकारी कार्यालयों से दूर रखें। प्रत्येक कार्यालय में मूवमेण्ट रजिस्टर अनिवार्य रूप से रखा जाए, जिसमें कार्यालय से बाहर जाने वाले अधिकारी और कर्मचारी का विवरण रहे।



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